लोकसभा चुनाव-2024 के नतीजे सामने आने के बाद से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार ऐक्शन मोड में हैं। उन्होंने 11 जून को कैबिनेट मीटिंग बुलाई है।इसके पहले आठ जून को बुलाई मंत्रिपरिषद की बैठक में सीएम योगी ने विभिन्न विभागों के मंत्रियों को कामकाज में तेजी लाने और योजनाओं को जमीन पर उतारने पर उतारने का निर्देश दिया था।बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को मोदी 3.0 सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली में थे। सोमवार की सुबह उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से मुलाकात की। उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं को जीत और मंत्री बनने की बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं। दिल्ली से लौटते ही सीएम योगी एक बार फिर यूपी सरकार के कामकाज की समीक्षा करेंगे। इसके लिए उन्होंने मंगलवार की सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है।इसके पहले चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही सीएम योगी ने आचार संहिता लागू होने के चलते रुके कामों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस बार लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। पिछले चुनाव में भाजपा ने जहां यूपी से 62 सीटें जीती थीं वहीं इस बार सिर्फ 33 सीटें हासिल कर पाई। इसके बावजूद मोदी 3.0 कैबिनेट में यूपी को काफी तरजीह मिली है। पीएम मोदी ने यूपी से 10 मंत्री बनाए हैं।इनमें लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हरदीप पुरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है जबकि एक स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री बनाए गए हैं। अन्य सात मंत्रियों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। मोदी मंत्रिमंडल में यूपी से तीन नए चेहरे शामिल किए गए हैं, इनमें कीर्तिवर्धन सिंह, कमलेश पासवान, जयंत चौधरी शामिल हैं।
मंत्रियों को वीआईपी कल्चर से दूर रहने की दी थी हिदायत
इसके पहले सीएम योगी ने आठ जून को बुलाई बैठक में मंत्रियों को वीआईपी कल्चर से दूर रहने की हिदायत दी थी। उन्होंने मंत्रियों को यूपी में जल्द संभावित विधानसभा उपचुनावों के लिए जुटने का एजेंडा सौंपा। कहा कि जनता के बीच रहें। पूरा फोकस अपने क्षेत्र, प्रभार वाले जिले और विभाग पर करें। नसीहत दी कि अनावश्यक बयानबाजी से बचें। मोबाइल पर बात करने में बेहद सावधानी बरतें।भाजपा के परफार्मेंस से नाखुश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों से कहा था कि वे वीआईपी कल्चर छोड़कर जनता के बीच जाएं। मंत्री हों या अन्य जनप्रतिनिधि, सभी को वीआईपी कल्चर से परहेज करना होगा। हमारी कोई भी गतिविधि ऐसी न हो, जो वीआईपी संस्कृति को प्रदर्शित करती हो, इसके लिए सभी को सतर्क और सावधान रहना होगा। जनता के बीच संवाद, समन्वय और संवेदशीलता की नीति अपनाते हुए उनकी समस्याओं के समाधान की जरूरत है।