प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर “शीघ्र तनाव कम करने” के लिए साथ काम करने पर सहमत हो गए हैं। यह वो हिस्सा है, जहां पूर्वी लद्दाख के गलवान में मई 2020 में हिंसक झड़प हुई थी।
इस हिंसा में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। जबकि, चीनी खेमे को भी काफी नुकसान हुआ था। ऐसी जानकारी मिली है कि जोहानिसबर्ग में दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बात हुई थी।
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर भारत और चीन दोनों देशों के शीर्ष नेताओं ने आपस में मुलाकात की थी। पीएम मोदी और शी जिनपिंग एलएसी पर सैनिकों की शीघ्र वापसी के लिए अपने देशों के अधिकारियों को निर्देश देने पर सहमत हुए हैं।
भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने आज संवाददाताओं से कहा, “ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर बातचीत थी, जहां पीएम मोदी ने एलएसी तनाव के बारे में बात की थी। यह कोई औपचारिक द्विपक्षीय बातचीत नहीं थी।”
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। विदेश सचिव ने कहा, “इस संबंध में, दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों की शीघ्र वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए हैं।”