राहुल गांधी से करारी हार के बाद योगी सरकार में मंत्री और भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह रायबरेली की जनता से बेहद खफा हो गए हैं। दिनेश प्रताप सिंह ने रायबरेली लोकसभा सीट से हारने के दूसरे ही दिन ऐलान किया कि एक साल तक वह अवकाश पर रहेंगे।
रायबरेली की जनता के कामों से दूर रहेंगे। यह भी कहा कि इस दौरान जनता अपने काम राहुल गांधी से करवाए। अब वह अपने परिवार को समय देंगे। दिनेश प्रताप सिंह को राहुल गांधी ने रायबरेली में तीन लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया है।
भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह ने बुधवार को प्रेसवार्ता की। उन्होंने राहुल गांधी की जीत को कठघरे में खड़ा कर दिया। कहा कि राहुल गांधी ने अपने बलबूते पर चुनाव नहीं जीता है। उनको समाजवादी पार्टी ने चुनाव जिताया है। इस जीत का श्रेय राहुल या प्रियंका और उनकी माता सोनिया गांधी को नहीं जाता है। अगर सपा साथ में नहीं होती तो वह कभी रायबरेली से चुनाव नहीं जीत सकते थे। जीत हार तो चुनाव का हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि अब बहुत राजनीति हो चुकी है। अब एक साल तक राजनीति न करके अपने परिवार को अपना समय देंगे। एक साल तक जनता से दूर रहेंगे। जनता राहुल गांधी से अपने काम करवाएगी। उन्होंने कहा कि वह जिले के लोगों के सुख और दुख में हमेशा साथ दिया है। अब इसकी जिम्मेदारी राहुल गांधी की है। राहुल गांधी अब हर शनिवार-रविवार यहां बैठें और जनता की समस्याओं का निराकरण कराएं। उन्होंने कहा कि देश में नरेन्द्र मोदी की ही सरकार बनेगी।
दिनेश प्रताप सिंह करीब एक दशक से रायबरेली की राजनीति के केंद्र में है। दिनेश प्रताप सिंह पिछले चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ भाजपा की तरफ से लड़े थे। इस चुनाव से ठीक पहले 2018 में भाजपा में शामिल हुए थे। इससे पहले दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस में ही थे। कांग्रेस से 2010 में और 2016 में विधान परिषद सदस्य बने थे। दिनेश प्रताप सिंह ने पूरे दमखम से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा। 2022 में वह भाजपा से तीसरी बार एमएलसी बने और योगी सरकार ने मंत्री बनाया।