रणनीति में बदलाव और अति आत्मविश्वास ले डूबा
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महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि सीट बंटवारे को लेकर सर्वेक्षणों के आधार पर किए गए बदलाव और अति आत्मविश्वास के कारण महायुति गठबंधन को लोकसभा चुनाव में नुकसान हुआ।महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने मंगलवार को राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर जीत हासिल की है।महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल है। गठबंधन में हुए सीट बंटवारे के तहत शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से उसे सात सीट पर जीत हासिल हुई।

भाजपा ने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा और नौ पर जीत हासिल की, अजित पवार की राकांपा ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे और एक सीट जीती जबकि राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) ने एक सीट पर चुनाव लड़ा और हार गई। दूसरी तरफ राज्य में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी ने 30 सीटें जीतीं। महा विकास आघाडी गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना-यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) तथा कांग्रेस शामिल हैं।पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिरसाट ने कहा कि वे जनता द्वारा दिए गए जनादेश को स्वीकार करते हैं, लेकिन दूसरों की आलोचना करने के बजाय यह अधिक महत्वपूर्ण है कि वे अपनी गलतियों को सुधारें।

उन्होंने कहा, “सीटों के बंटवारे में असली वजह सर्वेक्षणों की थी। इन सर्वेक्षणों के आधार पर जो बदलाव किए गए, उनसे हमें नुकसान हुआ और मैं इसे स्पष्ट रूप से स्वीकार करता हूं। कोई एक सर्वेक्षण लेकर आता है, कोई दूसरा सर्वेक्षण लेकर आता है। यह सर्वेक्षण कुछ कहता है…दूसरा सर्वेक्षण कुछ और कहता है…इन सर्वेक्षणों के कारण हमें अति आत्मविश्वास हो गया था, जिसके कारण हमें नुकसान उठाना पड़ा।” शिरसाट ने कहा कि जो गलतियां हुई हैं उन्हें सुधारा जाएगा और महायुति के सभी दल यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी गलतियां न हों।

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