यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हलाल प्रमाणपत्र वाले उत्पादों, औषधियों, चिकित्सा व प्रसाधन सामग्रियों की यूपी में बिक्री पर शनिवार को प्रतिबंध लगा दिया है।
इनके निर्माण, भंडारण, वितरण और खरीद-फरोख्त पाए जाने की स्थिति में विधिक कार्यवाही की जाएगी। यह प्रतिबंध केवल यूपी के घरेलू बाजार में बिक्री पर प्रभावी होगा। हलाल प्रमाणन वाले उत्पादों के निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने शनिवार को शासनादेश जारी कर दिया। शासन ने यह कार्रवाई गैरकानूनी तरीके से हलाल प्रमाणपत्र देने के मामले में आठ धार्मिक संस्थाओं के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यूपी में बिना किसी अधिकार के खान-पान व सौंदर्य प्रसाधन के उत्पादों को अवैध ढंग से ‘हलाल सर्टिफिकेट’ देने के काले कारोबार पर रोक की कार्रवाई शुरू की गई।
इस मामले में लखनऊ कमिश्नरेट के हजरतगंज थाने में शुक्रवार को देर रात चार धार्मिक संस्थाओं समेत आठ पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें हलाल सर्टिफिकेट देने वाली कंपनियों और उनके मालिकों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धर्म के आधार पर भावनाएं भड़काने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने, धोखाधड़ी के साथ ही दो संप्रदायों के बीच शत्रुता पैदा करने के लिए असत्य बातें प्रचारित करने के अपराध में एफआईआर दर्ज की गई है। प्रदेश में ऐसे उत्पादों की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया, जिनमें हलाल प्रमाणपत्र होता है।
इन कंपनियों और ट्रस्ट पर एफआईआर
- उत्पादन कंपनी हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई
- जमीयत उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट,दिल्ली
- हलाल काउंसिल आफ इंडिया,मुंबई
- जमीयत उलेमा महाराष्ट्र, मुंबई
- अन्य अज्ञात उत्पादन कंपनियों एवं अन्य अज्ञात कंपनियों के मालिक
- राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र करने वाले तमाम लोग
- अधिसूचित आतंकवादी संगठनों व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों की फंडिंग करने वाले लोग
- जनआस्था के साथ खिलवाड़ करते हुए व्यापक तौर पर दंगे कराने वाले लोग