भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने छत्तीसगढ़ चुनाव में शानदार जीत दर्ज की है। वहीं मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी भगवा दल सरकार बनाने जा रही है। तीनों ही राज्यों में भाजपा बगैर किसी सीएम फेस के चुनावी मैदान में थी।
ऐसे में तीनों राज्यों में सीएम कौन बनेगा इसे लेकर अटकलबाजियों का दौर जारी है। रविवार को छत्तीसगढ़ में विधायक दल की बैठक होनी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कल सूबे में सीएम का नाम फाइनल हो सकता है। इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता और छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम वाले सवाल को लेकर भाजपा पर तंज कसा है और इसकी तुलना कौन बनेगा करोड़पति के सवाल से की है।
ये तो कौन बनेगा करोड़पति जैसा…
भूपेश बघेल से एक पत्रकार ने पूछा, ‘कल छत्तीसगढ़ में भाजपा के पर्यवेक्षक आ रहे हैं, विधायक दल की बैठक होनी है। इसपर क्या कहना है आपका?’ बघेल ने कहा, ‘हम लोग इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री कौन होगा। यह आप लोगों के दीमाग में भी है और हम लोग भी सोच रहे हैं कि कौन बनेगा… ये सवाल तो उसी प्रकार है जैसे कौन बनेगा करोड़पति। उसी तरह तीनों राज्यों में यह सवाल घूम रहा है कि कौन बनेगा मुख्यमंत्री? अभी तक यह तय नहीं हुआ है… हम लोग भी इसका इंतजार कर रहे हैं।’
छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता चुनने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की रविवार को बैठक होगी। बैठक के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर ‘सस्पेंस’ खत्म होने की संभावना है। भाजपा ने पिछले महीने विधानसभा चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया, ‘भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को होगी। पार्टी के तीन पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल तथा पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम बैठक में मौजूद रहेंगे।’ उन्होंने बताया कि पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्य के लिए पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नबीन भी वहां मौजूद रहेंगे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं। वहीं 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि भाजपा 2003 से 2018 तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह को नहीं चुनेगी तो वह किसी ओबीसी या आदिवासी मुख्यमंत्री को चुनेगी।
आदिवासी समुदाय से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी तथा विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय दावेदारों में शामिल हैं।