यूपी वालों के लिए खुशखबरी, चलने वाली है दूसरी वंदे भारत; इस रूट पर 4 घंटे में तय कर लेगी सफर
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लगातार लोकप्रिय हो रही सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत देश के अलग-अलग हिस्सों से चलाई जा रही है। अलग-अलग रूटों पर पर सेमी-हाई स्पीड ट्रेन को चलाने के लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे को बदलने और आधुनिकीकरण के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।ऐसा बताया जा रहा है कि अब, रेलवे उत्तर प्रदेश से एक और नई वंदे भारत ट्रेन को चलाने को लेकर काम कर रहा है। यह राज्य की दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस होगी, इससे पहले वाराणसी से नई दिल्ली के लिए वंदे भारत ट्रेन चलाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जल्द ही लखनऊ और गोरखपुर के बीच इस अत्याधुनिक ट्रेन को शुरू करने की संभावना है।फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर पूर्व रेलवे के लखनऊ मंडल के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) महेश गुप्ता ने कहा, “गोरखपुर और लखनऊ के बीच वंदे भारत ट्रेन चलाने का प्रस्ताव शुरुआती चरण में है, इसे चलाने के लिए जरूरी कदमों पर विचार किया जा रहा है।” दिल्ली तक इसके विस्तार के बारे में पूछे जाने पर, रेलवे अधिकारी ने कहा, “अगर यह इसकी डिमांड की जाती है तो इसके लागू होने के बाद दिल्ली तक इसके विस्तार की संभावना हो सकती है।”
कितना लगेगा समय?
इस अत्याधुनिक ट्रेन के चार घंटे से भी कम समय में 270 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने की संभावना है। मौजूदा वक्त में लखनऊ और गोरखपुर के बीच चलने वाली सबसे तेज ट्रेनों में – गोरखधाम एक्सप्रेस और बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस है। दोनों ट्रेनें समान दूरी तय करने में चार घंटे पैंतालीस मिनट का समय लेती हैं। हाल ही में रेलवे ने दक्षिण पूर्व रेलवे जोन को वंदे भारत ट्रेन चलाने के लिए नया रैक आवंटित किया है। ट्रेन हावड़ा और पुरी के बीच चलेगी। यह ओडिशा पहली और पश्चिम बंगाल के लिए दूसरी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन होगी।
कहां बनती हैं वंदे भारत ट्रेन?
रेल मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में चार वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की हैं। ये ट्रेनें सिकंदराबाद-तिरुपति, चेन्नई-कोयंबटूर, अजमेर-दिल्ली कैंट और तिरुवनंतपुरम-कासरगोड वंदे भारत एक्सप्रेस है। रेलवे ने वित्त वर्ष 2023-24 में कई वंदे भारत ट्रेनों चलाने की योजना बनाई है। इसके लिए रेलवे ने अपने तीन कारखानों – चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्ट्री और लातूर स्थित मराठवाड़ा रेल कोच फैक्ट्री में इस नए युग की ट्रेन के रेक बनाने का फैसला किया है।

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