यूपी की योगी सरकार ने करोड़ों रुपये के स्टांप को 100 रुपये के स्टांप पर पावर ऑफ अटार्नी लेकर बेचने के खेल पर रोक लगा दी है। खून के रिश्तों को छोड़कर बाहरी व्यक्तियों को पावर ऑफ अटार्नी वाली संपत्तियों पर अब सर्किल रेट का सात फीसदी स्टांप शुल्क देना होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक यह फैसला हुआ।
स्टांप तथा न्यायालय शुल्क पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि संपत्ति की देखरेख के लिए की गई पावर ऑफ अटार्नी को स्टांप शुल्क से बाहर रखा गया है। उन्होंने बताया कि बड़े शहरों से लेकर गांवों तक पावर ऑफ अटार्नी के सहारे संपत्तियों की खरीद-फरोख्त का बड़ा धंधा चल रहा है। खासकर बिल्डर और प्रापर्टी डीलर इसके सहारे करोड़ों के स्टांप शुल्क की चोरी कर रहे हैं।
इससे जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं किसानों और शहर के गरीबों का नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं पावर ऑफ अटार्नी पर जमीन बेचने का अधिकार देने से उनके पास आयकर की नोटिसें आ रही हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही अकेले दो लाख से ज्यादा पावर आफ अटार्नी पकड़ में आई है। इसकी आड़ में किसानों के साथ धोखा किया गया। किसानों को जमीन का भुगतान किया, लेकिन रजिस्ट्री के बजाय उनके साथ पावर ऑफ अटार्नी की गई। इसके बाद उस जमीन को टुकड़ों में बेचकर तीन गुना मुनाफा कमाया गया और रजिस्ट्री सीधे किसान से करा दी गई।
उन्होंने बताया कि इस खेल पर रोक लगाने के लिए अब खून के रिश्तों के बाहर प्रापर्टी बेचने की पावर ऑफ अटार्नी को रजिस्ट्री के समकक्ष माना जाएगा। इस आधार पर सात फीसदी स्टांप शुल्क लिया जाएगा। इसके लिए मुख्तारनाम विलेख पर स्टांप शुल्क की देयता के संबंध में भारतीय स्टांप अधिनियम 1899 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है।
इनको मिलता रहेगा छूट
परिवारिक सदस्यों पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्रवधू, पुत्री, दामाद, भाई, बहन, पौत्र, पौत्री यानी बेटे का पुत्र और पुत्री, नाती, नातिन के बीच मुख्तारनामा के माध्यम से संपत्तियों का हस्तांतरण किया जा सकेगा। इसके लिए 5000 रुपये स्टांप शुल्क देय होगा।