यूपी निकाय चुनाव में कायस्थ वोटरों से कितना फायदा?
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यूपी निकाय चुनाव में सभी प्रमुख दलों ने अपने-अपने क्षेत्रों के समीकरण के हिसाब से प्रत्याशियों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। मौजूदा नगर निकाय चुनाव में सियासी दल कायस्थ वोट पर भी निगाह रखें हुए हैं।

पहली बार ऐसा नजर आ रहा है जब सभी प्रमुख दलों में टिकट की रेस में कायस्थ समाज के लोग प्रमुख दावेदारों में हैं। कांग्रेस ने वाराणसी और सपा ने प्रयागराज से मेयर पद के लिए कायस्थ प्रत्याशी देकर इसकी शुरूआत कर दी है। भाजपा भी इसी रास्ते पर चल रही है। भाजपा गोरखपुर से मेयर प्रत्याशी कायस्थ समाज घोषित कर सकती है। उम्मीदवारों को लेकर रेस में कई नाम भी चल रहे हैं।

69 शहरी विधानसभाओं में असर रखते हैं कायस्थ

अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का दावा है कि प्रदेश में कायस्थ बिरादरी का आबादी 4 फीसदी है। गांवों से निकलकर यह आबादी मूलत: शहरों में ही निवास करती है। गांवों में खेतीबाड़ी है तो वह हुंडा बटईया पर चल रही है। 2022 विधानसभा चुनाव में महासभा ने प्रदेश के विधानसभाओं में कायस्थ मतदाताओं का आंकलन किया था। जिसमें पाया गया था कि 37 जिलों की 69 शहरी विधानसभा ऐसे हैं जहां पर कायस्थ मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। ये मतदाता अपने विधानसभा में हारजीत में अहम भूमिका निभाने की क्षमता में हैं। इस सूची के साथ महासभा ने प्रमुख दलों से संपर्क भी साधा था लेकिन इक्का दुक्का टिकट को छोड़ कोई खास सफलता नहीं मिली।

महासभा का दावा 4 फीसदी है कायस्थ मतदाता

महासभा के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष मुकेश श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदेश की कुल आबादी में 4 फीसदी कायस्थ सिर्फ वोटर ही नहीं मोटीवेटर भी हैं। महासभा ने तय किया है कि जो भी दल कायस्थों को उचित सम्मान देगा प्रदेश का कायस्थ समाज उसके साथ जाएगा। लंबे समय से प्रदेश का कायस्थ राजनीतिक उपेक्षा का शिकार है। जबकि 2,3 फीसदी आबादी वाली जातियों के पीछे राजनीतिक दल भागते नजर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आजमगढ़, देवरिया, बस्ती आदि बड़ी नगर पालिकाओं में निर्दल रहते हुए भी कायस्थ समाज के लोग पूर्व में चुनाव जीते हैं।

कायस्थ बाहुल्य शहर

महासभा के मुताबिक नगरीय निकाय चुनाव में कायस्थ मतदाता प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, आगरा, अलीगढ़, अमेठी, बदायूं, बहराइच, गोंडा, बलिया, बलरामपुर, बरेली, बस्ती, भदोही, एटा, फैजाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, देवरिया, सुल्तानपुर, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, झांसी, कानपुर नगर आदि में परिणाम तय करने में अहम भूमिका में हैं।

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