सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सभी जिलाधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं। सीएम योगी ने इन्वेस्टमेंट और भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण लंबित नहीं रहने पर डीएम की जवाबदेही तय कर दी है। सीएम योगी ने डीएम को निर्देश दिया है कि निवेश के लिए किए गए एमओयू को धरातल पर उतारें।
विभिन्न एप्रूवल की प्रक्रियाओं को समयबद्ध करना होगा, तय समय सीमा के बीतने के बाद एप्रूवल की डीम्ड मान लिया जाना चाहिए। पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम को और लाभकारी बनाया जाने की आवश्यकता है। सभी विभागों में नोडल अधिकारी बनाए जाएं और स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय प्रारंभ कराया जाए।मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश को एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति की दिशा में जारी प्रयासों, अब तक के परिणामों और भावी नीति पर विमर्श किया। बैठक में विभिन्न मंत्रियों, शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों, सलाहकारों, विशेषज्ञों की उपस्थिति रही। बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी 10 सेक्टरों में जारी कार्यों की समीक्षा की। कंसल्टिंग एजेंसी डेलॉयट इंडिया ने विस्तार से प्रदेश के आर्थिक परिवेश की वर्तमान स्थिति और संभावित भावी परिणाम, उद्योग जगत की अपेक्षाओं आदि के संबंध में सेक्टरवार विस्तार से जानकारी दी।
लखनऊ में एआई सिटी की जमीन अधिग्रहीत करेंमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया गया है। गौतमबुद्धनगर आईटी, आईटीईइस का ग्लोबल हब बनकर उभरा है। प्रदेश में आईटी और आईटी आधारित सेवाएं टेस्टिंग सेंटर की स्थापना का प्रयास करें। लखनऊ में एआई सिटी की भूमि चिन्हित की जा चुकी है, इससे संबंधित पॉलिसी यथाशीघ्र लाई जाए। परियोजना पर काम तेज किया जाना चाहिए। हमें ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेनिंग के लिए भी प्रस्ताव मिले हैं, इसकी बेहतर संभावनाओं का लाभ लेने के लिए हमें यथाशीघ्र ड्रोन पॉलिसी लागू करनी चाहिए। स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय प्रारंभ कराया जाए।
जमीन पूलिंग पालिसी को और बेहतर करेंमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि की जरूरत होगी। ग्राम समाज की भूमि औद्योगिक विकास और एमएसएमई के उपयोग में लाने की व्यवस्था की गई है। जमीन पूलिंग पॉलिसी को और बेहतर किया जाए। ऐसी भूमि जो आवंटित है लेकिन उपयोग नहीं की जा रही है, उनका चिन्हांकन करें। उनके बारे में यथोचित निर्णय लें। ‘सिक यूनिट’ की पहचान कर उनके सदुपयोग के बारे में निर्णय लें।
हर विभाग में तैनात हों नोडल अधिकारीमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की प्राप्ति में सभी विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह लक्ष्य बड़ा है। पिछले वर्ष का रिपोर्ट कार्ड भी विभागों की सक्रियता को प्रदर्शित करता है। हमारी नीति और नियोजन सही है। जरुरत बड़े लक्ष्य के लिए अपनी स्पीड तेज करने की है। हर विभाग में इसके लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। नोडल अधिकारी साप्ताहिक, प्रमुख सचिव स्तर पर पाक्षिक और विभागीय मंत्री के स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक की जाए।
फल-सब्जी उत्पादन की दोगुनी वृद्धि के करें प्रयासमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुनी तेजी देने के लिए ठोस प्रयासों की जरूरत है। हार्टिकल्चर में ‘पर ‘ ब्लॉक-वन क्रॉप’ जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाए। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तेज वृद्धि दर उत्साहित करने वाली है। भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत लैंडबैंक के विस्तार, नीतिगत सुधार और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अपने प्रयासों को तेज करना होगा।
निजी व सार्वजनिक निवेश बढ़ाएंमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वन ट्रिलियन इकानामी अर्थव्यवस्था के लिए हमें निजी और सार्वजनिक निवेश को और बढ़ाना होगा। निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखना चाहिए। उन्हें प्रदेश की यूएसपी से अवगत कराएं। सिंगल विंडो प्रणाली को और सरल तथा अधिक पारदर्शी बनाया जाए। सोलर एनर्जी कैपेसिटी को बढ़ाने की जरूरत है। प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना का कवरेज बढ़ाने का प्रयास करें।
हास्पिटल, हाउसिंग में तेजी से मिल रहे प्रस्तावमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि परिवहन सेक्टर की बेहतरी के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। असेवित क्षेत्रों के लिए बसों का संचालन करें। निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। जल मार्ग परिवहन संबंधित प्राधिकरण का गठन किया गया है, इस दिशा में भी आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम मिलेंगे। हॉस्पिटल, हाउसिंग और होटल के लिए निजी क्षेत्र की ओर से बड़े प्रस्ताव मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में इस सेक्टर में और अधिक तेजी देखने को मिलेगी। नियमों को सरल करें, व्यवहारिकता का ध्यान रखें।
निकायों,ग्राम पंचायतों को बनाएं आत्मनिर्भरमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए नगर निकायों व ग्राम पंचायतों का आत्मनिर्भर होना जरूरी है। इनके आय संवर्धन के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। गांव हो या कस्बे, हर जगह आम आदमी को अच्छी सड़क, शुद्ध पेयजल, बेहतर जनसुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।