यूपी कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए खुशखबरी, घर बैठे बना सकते हैं कैशलेस कार्ड, जानिए तरीका
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यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश के लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को कैशलेस कार्ड बनवाने की बड़ी सहूलियत दे दी है। प्रदेश में कैशलेस कार्ड बनने की राह अब और आसान हो गई है। प्रदेश सरकार का अब कोई भी अधिकारी, कर्मचारी या पेंशनर यह कार्ड घर बैठे अपने कंप्यूटर से बहुत ही आसानी से बना सकता है।

यह कार्ड पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत ऑनलाइन बन रहे हैं।

योगी सरकार ने कैशलेस इलाज की सुविधा तो प्रदान कर दी थी, मगर उनके कार्ड बनने में पिछले दिनों में खासी दिक्कत आ रही थी। मगर अब ऐसा नहीं होगा। कैशलेस योजना के राज्य स्तरीय नोडल डा. बीके पाठक ने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों तथा पेंशनर्स के कार्ड बनने में आ रही कठिनाइयां दूर कर ली गई हैं। योजना के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से लाभार्थियों को आसानी से कार्ड उपलब्ध हो रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पोर्टल https://sects.up.gov.in/ पर योजना से संबंधित समस्त आवश्यक जानकारी उपलब्ध हैं। स्टेट हेल्थ कार्ड बनाने की पूरी प्रक्रिया को पोर्टल पर वीडियो के रूप में भी प्रदर्शित किया गया है। आयुष्मान योजना के तहत संबद्ध प्राइवेट चिकित्सालयों के अतिरिक्त एसजीपीजीआई जैसे संस्थानों में भी इलाज की सुविधा दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि प्राइवेट चिकित्सालयों में अब तक 4,511 लाभार्थी कैशलेस इलाज की सुविधा प्राप्त कर चुके हैं। विभिन्न जनपदों में संबद्ध चिकित्सालयों का चिकित्सकीय विशेषज्ञता के हिसाब से विवरण योजना के पोर्टल पर उपलब्ध है। किसी भी तरह की मदद के लिए योजना के टोल फ्री नंबर 1800 1800 4444 को डायल कर सकते हैं।

मेडिकल बिल पर सीएमओ की मंजूरी की बाध्यता खत्म

कर्मचारियों और पेंशनरों को एक और बड़ी राहत दी गई है। सरकारी अस्पताल में इलाज में खर्च होने वाली धनराशि के बिल को उस चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) या प्रभारी ही अंतिम रूप में प्रमाणित कर सकेंगे जबकि पहले सीएमएस या प्रभारी की ओर से प्रमाणित बिल को सीएमओ के स्तर पर दोबारा प्रमाणित करने का प्रावधान था।

इसके बाद ट्रेजरी ऑफिस से मरीज को इलाज का खर्च मिलता था। जिन लाभार्थियों का कार्ड अब तक नहीं बन पाया है, उन्हें आवश्यकता पड़ने पर एसजीपीजीआई, डा. आरएमएल इन्स्टीट्यूट जैसे सरकारी चिकित्सा संस्थानों में इलाज कराने पर उनके चिकित्सा बिल की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी। इसके लिए सीएमओ के प्रतिहस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं होगी।

ऐसे बनाएं कार्ड

1-सरकारी कर्मचारी एवं पेंशनर्स को योजना के पोर्टल https://sects.up.gov.in/ पर स्टेट हेल्थ कार्ड के लिए आवेदन करना होगा।
2-ऑनलाइन आवेदन का सत्यापन कर्मचारियों के आहरण वितरण अधिकारी तथा पेंशनर्स के आवेदन का सत्यापन संबंधित कोषाधिकारी की ओर से किया जाएगा।
3-आवेदन सत्यापन के उपरान्त ’SETU पोर्टल के दिये गये लिंक पर जाकर ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
4-ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूर्ण होते ही ‘’SETU’’ पोर्टल पर ‘’card download’’ का विकल्प उपलब्ध होगा। इसके जरिए सरकारी सेवक और आश्रित परिजनों का पृथक-पृथक कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

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