कांग्रेस पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि हाल ही में शुरू की गई यूपीएस एक नई पेंशन योजना है, न कि पुरानी योजना को फिर से अमल में लाया गया है।उन्होंने कहा, “हम पुरानी पेंशन योजना पर वापस नहीं लौटे हैं… यह ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) और एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) से अलग है। यह स्पष्ट रूप से एक नया पैकेज है।” उन्होंने कहा कि एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) बेहतर है और धिकांश सरकारी कर्मचारी इससे संतुष्ट होंगे।यूपीएस को इस तरह से तैयार किया गया है कि हर गणना फिट बैठती है और यहां तक कि सरकार पर भी बहुत अधिक बोझ नहीं पड़ता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अधिकांश राज्य यूपीएस को अपनाएंगे “क्योंकि इससे कर्मचारियों को बहुत लाभ मिलेगा।”
जीएसटी परिषद अगले महीने कर दरों को युक्तिसंगत बनाने पर चर्चा करेगी, लेकिन करों और स्लैब में बदलाव पर अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को यह बात कही।उन्होंने यह भी कहा कि विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर पर भी चर्चा की जाएगी और इस पर 9 सितंबर की बैठक में या उसके बाद चर्चा हो सकती है।बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह (जीओएम) की बैठक पिछले सप्ताह हुई थी, जिसमें मोटे तौर पर वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) के तहत स्लैब को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने पर सहमति बनी थी।पैनल ने फिटमेंट समिति (कर अधिकारियों का एक समूह) को कुछ वस्तुओं पर दरों में फेरबदल के निहितार्थ का विश्लेषण करने और उन्हें जीएसटी परिषद के समक्ष प्रस्तुत करने का कार्य भी सौंपा।सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा, “आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा। इस मुद्दे पर चर्चा होगी। अधिकारियों की समिति दरों को युक्तिसंगत बनाने पर एक प्रस्तुतिकरण देगी।”हालांकि, उन्होंने कहा कि दरों को युक्तिसंगत बनाने पर अंतिम निर्णय अगली बैठक में लिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में और राज्य मंत्रियों की भागीदारी वाली जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक 9 सितंबर को होगी।