मुसलमान को डॉक्टर, इंजीनियर नहीं देख पाती, आरक्षण हटाने के वादे से ओवैसी बेचैन
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AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों के आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरा है। तेलंगाना में प्रचार के दौरान उन्होंने मुसलमानों को मिले आरक्षण की चार वजहें गिनाईं हैं।

साथ ही उन्होंने भाजपा पर समुदाय से नफरत करने के आरोप भी लगाए हैं। तेलंगाना में 30 नवंबर को मतदान होना है।

क्या बोले ओवैसी?
खबरें हैं कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि मुस्लिमों का 4 फीसदी आरक्षण खत्म कर अनुसूचित जाति और अनुसूचिज जनजाति मं बाटेंगे। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष ओवैसी ने कहा, ‘भाजपा झूठ बोल रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में मुसलमानों को आरक्षण धर्म की वजह से नहीं दिया गया है।’

ओवैसी ने आगे कहा, ‘पहला तो मुसलमानों के शैक्षणिक और सामाजिक पिछड़े होने से जुड़े डेटा भी है। दूसरा, दिवंगत पीएस कृष्णन ने एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें यह बताया गया है कि मुस्लिम समुदाय में कुछ पिछड़े वर्ग हैं, जिन्हें (रिजर्वेशन) मिलना चाहिए उच्च वर्गीय मुसलमानों को नहीं। तीसरा, यह सभी मुसलमानों को नहीं मिल रहा है। चौथा, उनका सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को हटाना राष्ट्रीय हित में है।’

उन्होंने भाजपा पर समुदाय से नफरत के आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘भाजपा को मुसलमानों को डॉक्टर, इंजीनियर, नर्स, टीचर बनने या एमबीए या पीएचडी करने से क्या नफरत है…।’

भाजपा का वादा
शुक्रवार को शाह ने कहा था, ‘हमने कई वादे किए हैं। इनमें से एक है कि सीएम पिछड़ा वर्ग से बनाया जाएगा। हम मुस्लिम आरक्षण खत्म कर देंगे और एससी एसटी और ओबीसी को आरक्षण देंगे…।’ सोमवार को भी जगतियाल में प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा मुसलमानों को मिलने वाले 4 फीसदी आरक्षण को अनुसूचित जातियों में बांटेगी।

खास बात है कि भाजपा तेलंगाना के जरिए दक्षिण भारतीय राज्यों में विस्तार करने की कोशिश में है। हाल ही में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।

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