माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि जेल के अंदर भोजन में जहर दिया गया था और जिस तरह के इलाज की जरूरत थी, वह भी नहीं मिला।इसके कारण मुख्तार अंसारी की जेल में मौत हो गई। मऊ सदर से पांच बार विधायक रहे मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा जेल में तबीयत बिगड़ी थी। बांदा मेडिकल कॉलेज में उनकी मौत हो गई थी। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया गया था।न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवी एन. भट्टी की पीठ मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की तरफ से 2023 में दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें बांदा जेल के भीतर उनके पिता की सुरक्षा का मुद्दा उठाया गया था, जहां उन्हें रखा गया था। उमर अंसारी की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ को बताया कि हम बस इतना ही कह सकते हैं कि जिसका हमें डर था, वही हुआ।पीठ ने कहा कि हम उन्हें वापस नहीं ला सकते, श्रीमान सिब्बल। यह आप अच्छी तरह जानते हैं। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने मुठभेड़ जैसी स्थिति की आशंका जताई थी। इस मामले में जांच की मांग करते हुए सिब्बल ने कहा कि इस देश में इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता।उन्होंने कहा कि उन्होंने याचिका में की गयी प्रार्थना में संशोधन का अनुरोध करते हुए एक आवेदन दाखिल किया है। पीठ ने आवेदन पर नोटिस जारी करते हुए उत्तर प्रदेश की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज से कहा कि वह इस पर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं।उन्होंने जवाब के लिये नटराज को चार हफ्ते का वक्त दिया। सिब्बल ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसके पिता को दिए गए भोजन में जहर मिला हुआ था। पीठ ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर गौर किया कि मुख्तार अंसारी को जेल में अपेक्षित चिकित्सा उपचार नहीं दिया गया, जिसके कारण हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई।