संसद में कैश के बदले सवाल पूछने के मामले में घिरीं अपनी सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर ममता बनर्जी ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है। पहली बार इस मसले पर बोलते हुए टीएमसी की मुखिया ने कहा कि इससे उन्हें फायदा ही होगा।
ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा, ‘लोकसभा से महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की पहले से प्लानिंग थी। लेकिन 2024 के चुनाव से पहले उन्हें इससे फायदा ही होगा।’ कोलकाता में एक आयोजन के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि यह सरकार सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल करके विपक्षी लोगों को फंसा रही है।
ममता ने कहा, ‘आज विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 2024 के बाद यही एजेंसियां भाजपा के पीछे लगेंगी।’ अब यह सरकार केंद्र में सिर्फ तीन महीने के लिए ही है। यह पहला मौका है, जब ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को लेकर अपनी बात कही है। संसद में कैश के बदले सवाल के मामले में घिरीं महुआ पर अब तक वह चुप ही थीं। यही नहीं पार्टी में दूसरी पंक्ति के नेता भी कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। हालांकि महुआ मोइत्रा को कुछ दिन पहले ही टीएमसी ने कृष्णानगर जिले का अध्यक्ष बनाया था।
टीएमसी में जिलाध्यक्ष का पद अहम माना जाता है। ऐसे में उन्हें जिले की कमान मिलना अहम था। इसी से कयास लग रहे थे कि ममता बनर्जी का महुआ पर भरोसा कायम है। अब उनके बयान ने इस बात को साफ कर दिया है। महुआ पर आरोप है कि उन्होंने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और गिफ्ट लेकर संसद में सवाल पूछा था। ममता बनर्जी से पहले सिर्फ उनके भतीजे अभिषेक ने ही महुआ मोइत्रा के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि महुआ को इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि वह संसद में तीखे सवाल पूछती हैं।
उन्होंने कहा था कि वह राजनीति की शिकार बनी हैं। अभिषेक बनर्जी ने कहा था, ‘एथिक्स कमेटी की जो रिपोर्ट मैंने पढ़ी है। उसके मुताबिक महुआ की जांच होनी चाहिए। यदि आपके पास उनके खिलाफ कुछ नहीं है और जांच की ही जरूरत लगती है तो फिर उन्हें सस्पेंड करन की सिफारिश क्यों की गई है।’ वहीं एक अन्य सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कहना था कि एथिक्स कमेटी के फैसले के बाद पार्टी अपना फैसला बताएगी। अब ममता के तेवरों से साफ है कि 2024 में भी महुआ मोइत्रा को टिकट मिलेगा क्योंकि उन्होंने अगले चुनाव में उन्हें फायदा मिलने की बात कही है।