मशीन नहीं देशी जुगाड़. जहां बना मकान, वहां से 50 फीट दूर शिफ्ट किया
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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक अनोखा और देशी जुगाड़ का अविश्वसनीय नजारा देखने को मिला. लाखों के रुपए की लागत से बने दो मंजिला पक्का मकान पीडब्ल्यूडी सड़क पर फंसने से मकान मालिक काफी हताश और परेशान हो गया था.

यहां तक की घर तोड़ने तक की स्थिति आ गई थी. वहीं देशी जुगाड़ की वजह से घर को बिना तोड़े सड़क से 50 फीट पीछे आसानी से हटा लिया गया. वहीं देशी जुगाड़ से मकान मालिक को लाखों रुपए का नुकसान होने से बचा गया और अब पूरे क्षेत्र में इस तकनीक की चर्चा हो रही है.

मामला बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर पंचायत का है. जहां के निवासी लालमोहन पांडे जो करीब दो दशक पहले दो मंजिला पक्का मकान बनवाया था जिस पर अभी वह मेडिकल स्टोर चला रहे थे. उन्होंने बताया कि इस मकान को जब से बनवाया है तब से वह परेशान चल रहे थे. परेशानी इस बात की थी कि जब रामचंद्रपुर में आबादी बढ़ी तो क्षेत्र में सड़क का विस्तार हुआ. जहां पीडब्ल्यूडी विभाग ने सड़क का निर्माण कराया और कुछ समय बाद सड़क का चौड़ीकरण किया गया. सड़क का चौड़ीकरण होने के कारण उनका मकान फंस गया विभाग के द्वारा बार-बार जमीन खाली करने का नोटिस दिया जा रहा था, जिससे वह काफी दिनों से परेशान थे.

इस तकनीक से शिफ्ट किया मकान

लाखों रुपए खर्च कर घर बनाकर लंबे समय से परेशान चल रहे मेडिकल स्टोर की दुकान चलाने वाले लालमोहन पांडे ने एग्रीमेंट कराकर मकान को पीछे कराने का काम शुरू करवाया. 50 मजदूरों ने करीब 350 से अधिक जैक लगाकर दो मंजिला मकान को करीब ३ फीट से भी ऊपर उठा दिया है. सावधानी पूर्वक जैक के माध्यम से मकान को धीरे-धीरे 50 फीट पीछे की ओर ले जाने की तैयारी है. इस तकनीक से घर को दूसरे जगह शिफ्ट होता देख आसपास के क्षेत्र के लोगों को यकीन नहीं हो रहा है. वहीं घर न टूटने से मकान मालिक को लाखों रुपए का नुकसान होने से बच गया. वहीं अब सही सलामत घर जस का तस दूसरे जगह पर शिफ्ट होने जा रहा है.

पूरे जिले में काम की हो रही चर्चा

बलरामपुर जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां पर आदिवासी समुदाय के लोगों का भारी संख्या में रहते हैं. वहीं जिले में संसाधनों की काफी कमी है. ऐसे में एक व्यक्ति का लाखों रुपए से बना घर सड़क पर फंसने से तोड़ना पड़ रहा था लेकिन देशी तकनीक ने घर के साथ-साथ लाखों रुपए का नुकसान होने से बचाया, जो अब जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं मजदूरों के काम को लोग काफी सराह रहे हैं.

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