भोजपुरी एक्टर पवन सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। सोशल मीडिया मंच एक्स पर भोजपुरी एक्टर ने खुद इसकी जानकारी दी है। पवन सिंह ने एक्स पर पोस्ट शेयर कर लिखा है कि माता गुरुतरा भूमेरू अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी मां से वादा किया था कि मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा ।मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट,बिहार से लड़ूंगा। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्ट (बीजेपी) ने पवन सिंह को आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन भोजपुरी एक्टर ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। पवन सिंह काराकाट सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।बता दें कि बीजेपी की ओर से बुधवार को लोकसभा चुनाव की 10वीं लिस्ट जारी कर दी है। बीजेपी ने आसनसोल सीट से एसएस अहलुवालिया को मैदान में उतारा है। आसनसोल से एसएस अहलुवालिया का मुकाबला टीएमसी के शत्रुघ्न सिन्हा से होगा।
बिहार एनडीए में यह सीट उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलम के पास है। उपेंद्र कुशवाहा खुद इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर महागठबंधन में यह सीट भाकपा माले के पास है। इस सीट से भाकपा माले के प्रत्याशी राजा राम सिंह कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं। काराकाट सीट पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी उम्मीदवार को उतारा है। एआईएमआईएम ने प्रियंका चौधरी को इस सीट से टिकट दिया है।बीजेपी का टिकट ठुकराने के बाद पवन सिंह ने बाद में ट्वीट कर कहा था कि वह चुनाव लड़ेंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया था कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। अब पवन सिंह ने ऐलान कर दिया कि वह पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से नहीं, बल्कि बिहार के काराकाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के ऐलान ये पहले पवन सिंह बीजेपी में शामिल हुए थे। कयास लगाया जा रहा था कि बीजेपी पवन सिंह को बिहार से चुनावी मैदान में उतारेगी, लेकिन आसनसोल से पवन सिंह की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद सभी कयासों पर पूर्ण विराम लग गया था। इससे पवन सिंह को लेकर राजनीतिक सरगर्मी भी बढ़ गई थी। वहीं दूसरी ओर टीएमसी के नेता बाबुल सुप्रियो लगातार पवन सिंह पर निशाना साध रहे थे।बता दें कि पवन सिंह ने घोषणा तो कर दी कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। फिर 13 मार्च को उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि मैं अपने समाज जनता जनार्दन और मां से किया हुआ वादा पूरा करने के लिए चुनाव लडूंगा। आप सभी का आशीर्वाद एवं सहयोग अपेक्षित है। जय माता दी। इस पोस्ट में उन्होंने यह नहीं बताया था कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में काराकाट सीट से जेडीयू उम्मीदवार महाबली सिंह ने जीत हासिल की थी। वहीं, इस सीट से उपेन्द्र कुशवाहा भी चुनावी मैदान में थे। उपेन्द्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। महाबली सिंह को 398,408 वोट प्राप्त किए थे। वहीं उपेंद्र कुशवाहा को 313,866 वोट मिले थे। सीपीआईएम के राजा राम सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 24,932 वोट प्राप्त हुए थे। यहां से बसपा ने भी अपने प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा था. बसपा प्रत्याशी राज नारायण तिवारी को 21,715 वोट मिले थे।
जातिय समीकरण
काराकाट लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक यादव जाति के मतदाता हैं। यहां यादव वोटर्स 3 लाख से अधिक हैं। वहीं कुशवाहा और कुर्मी जाति के मतदाता लगभग ढाई लाख हैं। यहां मुस्लिम वोटर्स करीब डेढ़ लाख हैं, जो कि हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। साथ ही राजपूत मतदाता भी ढाई लाख के करीब हैं। वैश्य जाति के मतदाता भी लगभग 2 लाख हैं। ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या लगभग 75 हजार हैं। इसके अलावा भूमिहार जाति के 50 हजार के करीब मतदाता हैं। राजराम और उपेंद्र दोनों कुशवाहा जाति के हैं।