पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के बेटे और सात बार के बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने खुद के जान का खतरा बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है।
गोरखपुर की पनियारा सीट से चार बार और कैम्पियरगंज सीट से तीसरी बार विधायक बने फतेह बहादुर सिंह ने कहा है कि उनके विरोधियों द्वारा हत्या की साजिश रची जा रही है। उन्होंने दावा किया कि इसके लिए एक करोड़ रुपये सुपारी के तौर पर विरोधियों ने जुटा भी लिए हैं। सिंह ने पुलिस पर साजिश में मिलीभगत का आरोप लगाया है। फतेह बहादुर ने कहा कि मेरे पिता का निधन 52 साल की उम्र में हुआ था, मेरी मौत 54 में हो जाएगी। जिंदा रहूंगा तभी राजनीति कर सकूंगा।
हिन्दुस्तान अखबार से बातचीत में विधायक ने बताया कि करीब 11 दिन पहले उनके मोबाइल पर किसी ने फोन कर बताया कि जहां आप हैं, वहां से हट जाएं। आपके जान को खतरा है। मुझे लगा कि कोई सिरफिरा होगा। लेकिन इसके बाद हत्या की सुपारी के लिए विरोधियों द्वारा चंदा एकत्र किया जाने लगा। मेरी जानकारी के मुताबिक, करीब एक करोड़ रुपये जुटा भी लिये गए। इसके बाद जानकारी प्रदेश सरकार को दी गई। लेकिन 10 दिन गुजरने के बाद कोई जांच हुई, न ही मुझसे पुलिस के किसी अधिकारी ने फोन कर जानकारी ही ली। इसके बाद केन्द्रीय नेतृत्व को इसकी जानकारी दी गई है। मांग की गई है कि हत्या की साजिश करने वालों का पर्दाफाश किया जाए।
फतेह बहादुर सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के पुत्र हैं। फतेह बहादुर सिंह 1991 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार पनियारा सीट से विधायक बने थे। पनियारा सीट से उनके पिता वीर बहादुर सिंह लड़ते और जीतते थे। इसी सीट से 1996 में फतेह बहादुर कांग्रेस, 2002 में भाजपा और 2007 में बसपा के विधायक बने। बसपा सरकार में मायावती ने उनको मंत्री भी बनाया था। परिसीमन के बाद 2012 में वो कैम्पियरगंज सीट से पहली बार एनसीपी के विधायक बने और 2017 और 2022 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर जीते।