अदालत ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में भाजपा सांसद और निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर आरोप पत्र पर संज्ञान लेना है या नहीं, इस पर फैसला 1 जुलाई तक के लिए टाल दिया।
एक जुलाई को होगी बृजभूषण शरण सिंह पर सुनवाई
राउज एवन्यू अदालत स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने कहा कि यह एक लंबा आरोपपत्र है और अध्ययन करने में समय लगेगा। इसलिए इसे कुछ दिनों तक विचार के लिए रखेंगे। मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 22 जून को भाजपा सांसद और निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ छह महिला पहलवानों द्वारा दर्ज यौन उत्पीड़न मामले की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए एसीएमएम की अदालत को सौंप दिया था, जो पहले से ही संबंधित मामले की सुनवाई कर रही थी।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ इन धाराओं में मामला है दर्ज
पुलिस ने यौन उत्पीड़न और पीछा करने के कथित अपराधों के मामले में सिंह के खिलाफ 15 जून को आरोप पत्र दायर किया था। पुलिस ने 15 जून को सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। इस पर 22 जून को विचार किया जाना था और सीएमएम ने मामला जसपाल को सौंपने का फैसला किया।