बिहार के बाद अब यूपी में होगा पाला बदल? RLD के चार विधायकों के सपा में आने की क्यों हो रही चर्चा
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एक दिन पहले ही बिहार में नीतीश कुमार के विश्वासमत प्रस्ताव के दौरान कुछ विधायक पाला बदलते नजर आए। अपने दल की जगह दूसरे दल के साथ बैठे नजर आए। अब ऐसा ही कुछ यूपी विधानसभा में भी देखने को मिल सकता है।

इस बात की चर्चा रालोद के नए रुख के चलते हो रही है। राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने इंडिया गठबंधन को छोड़कर एनडीए में शामिल होने का फैसला कर लिया है। किसी भी दिन जयंत चौधरी की RLD एनडीए का हिस्सा हो सकती है। सपा से गठबंधन तोड़कर यूपी में अब जयंत भाजपा के साथ गठबंधन में बंध जाएंगे।

इस बीच उनके चार विधायकों की नाराजगी और पाला बदल की चर्चा खूब हो रही है। हालांकि जयंत चौधरी इन चर्चाओं से इनकार भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि सभी विधायकों से बातचीत के बाद ही फैसला लिया गया है। जिन चार विधायकों के पाला बदलकर रालोद से सपा में जाने की चर्चा हो रही है उसके पीछे के कारण भी बताए जा रहे हैं। जयंत चौधरी के निर्देश के बाद भी यह चारों विधायक 11 फरवरी को भाजपा विधायकों के साथ राम मंदिर दर्शन के लिए अयोध्या नहीं गए थे।

रालोद के जो चार विधायक अयोध्या नहीं गए थे उनमें मुजफ्फरनगर के मीरापुर से विधायक चंदन चौहान और मुजफ्फरनगर की खतौली से विधायक मदन भैया शामिल हैं। हालांकि दोनों ने निजी कारणों से ना जाने की बात कही थी। न जाने वाले दो अन्य विधायक मुस्लिम समुदाय से गुलाम मोहम्मद और अशरफ अली हैं। इन चारों के रालोद से नाराजगी और सपा में जाने की चर्चा के कई कारण भी हैं।

मीरापुर से विधायक चंदन चौहान लंबे समय से सपा के लिए काम करते रहे हैं। अखिलेश के चहेते नेताओं में उनकी गिनती होती है। पिछले विधानसभा चुनाव में चंदन चौहान को रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ाया गया था। माना जा रहा है कि अब चंदन चौहान भाजपा से गठबंधन होते ही रालोद का साथ छोड़कर सपा में आ जाएंगे। इसके अलावा खतौली से विधायक मदन भैया भी रामलला के दर्शन करने 11 फरवरी को अयोध्या नहीं गए। कहा जा रहा है कि मदन भैया भी जयंत चौधरी के फैसले से नाराज हैं।

सिवालखास से विधायक गुलाम मोहम्मद सपा के ही पुराने नेता रहे हैं। सपा के सिंबल पर कई बार चुनाव भी लड़ा है। कहा जा रहा है कि रालोद और BJP का गठबंधन होते ही यह भी सपा का दामन थामेंगे और लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकते हैं। चौथे विधायक शामली के थानाभवन सीट से एमएलए अशरफ अली भी भाजपा से गठबंधन से नाराज हैं। वह भी सपा के साथ आकर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

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