पिछले 23 जून को विपक्षी एकता की बैठक के दौरान राहुल गांधी और नीतीश कुमार के बीच मंत्रिमंडल विस्तार पर बातचीत होने के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि बिहार सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा और कौन-कौन नेता मंत्री बनाए जाएंगेखासकर कांग्रेस पार्टी में सरगर्मी बढ़ गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह मंत्रिमंडल में 2 और सीटों की मांग कर रहे हैं। राहुल गांधी द्वारा जिक्र कर दिए जाने से उनकी मांग पुख्ता हो गई है।कांग्रेस का दावा है कि उसके 19 विधायक हैं और विधायकों की संख्या बल के आधार पर पार्टी को मंत्रिमंडल में 4 सीटें चाहिए। अभी तक कांग्रेस से दो मंत्री बनाए गए हैं जिसमें मुरारी गौतम और आफाक आलम को शामिल किया गया है। पार्टी की ओर से दो और कांग्रेसियों को मंत्री बनाने की मांग उठती रही है। कांग्रेस के कई नेता यह मांग कर चुके हैं।
पिछले दिनों अखिलेश सिंह ने दावा किया था कि 23 जून को विपक्षी एकता की महाबैठक संपन्न होने के बाद बिहार सरकार के कैबिनेट का विस्तार होगा। उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि कांग्रेस से दो नेताओं को मंत्री बनाया जा रहा है। यह भी कहा था कि राजद से भी मंत्री बनाए जाएंगे। बैठक में आए राहुल गांधी ने जब मंत्रिमंडल विस्तार पर नीतीश कुमार और लालू यादव से बातचीत की तो कांग्रेस का पक्ष और मजबूत हो गया।
पार्टी सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि कांग्रेस के अंदर इस बात को लेकर समीक्षा शुरू हो गई है कि किन्हें मंत्री बनाया जाए। मंत्रिमंडल विस्तार में नीतीश कुमार और कांग्रेस पार्टी के द्वारा सामाजिक समीकरणों का भी ध्यान रखा जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, विजेन्द्र चौधरी, समीर सिंह, आनंद शंकर और विजय शंकर दुबे के नामों पर चर्चा हो रही है। हालांकि पार्टी के स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है। माना जा रहा है कि जातीय समीकरण और आगामी चुनाव वह देखते हुए इनमें से 2 नामों का चयन किया जाएगा।