बहन का रिश्ता अर्थी उठने के बाद टूटता है…अमेठी से चुनाव हारने के बाद ऐसा क्‍यों बोलीं स्‍मृति ईरानी
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अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हारने के बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी हार स्वीकार करते हुए जनता के प्रति आभार प्रकट किया। इसके साथ ही उन्होंने अमेठी से अपने रिश्ते को भी एक नए रूप में सामने रखा और आगे भी यहां सक्रिय रहने के संकेत दिए।उन्होंने कहा- ‘मैं उन सभी बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों का आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अत्यंत समर्पण और निष्ठा के साथ निर्वाचन क्षेत्र और पार्टी की सेवा में काम किया है। आज मैं पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की आभारी हूं कि उनके सरकारों ने 30 वर्षों के लंबित कार्यों को मात्र 5 वर्षों में पूरा किया है। मैं जीतने वालों को बधाई देती हूं। मैं अमेठी के लोगों की सेवा में बना रहूंगी। संगठन को और सशक्त करेंगे। भविष्य की योजना के बारे में पूछे जाने पर स्मृति ने कहा, ‘भविष्य की बात कर रहे हो? बहनों से रिश्ता तब टूटता है जब अर्थी उठती है बहन की।
हार के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में मृति ईरानी ने कहा कि इस क्षेत्र को मैंने अपने जीवन के 10 वर्ष दिए। हार या जीत के बावजूद लोगों से मैं जुड़ी और ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि आज जनता का आभार व्यक्त करने का दिन है, जो जीते उन्हें बधाई देने का दिन है। संगठन का स्वभाव विश्लेषण करने का है और संगठन विश्लेषण करेगा।स्मृति ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के नाते यह मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने क्षेत्र में हर गांव में जाकर काम किया। बता दें कि स्मृति ईरानी अमेठी से लोकसभा चुनाव भारी अंतर से हार गई हैं। कांग्रेस प्रत्याशी और गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति ईरानी को करीब एक लाख 45 हजार वोटों से हरा दिया। स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को करीब 55 हजार वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में किशोरी लाल शर्मा ने स्मृति को 3 लाख 40 हजार 693 वोट मिले। जबकि किशोरी लाल शर्मा को 4 लाख 86 हजार 166 मत मिले।
2014 में पहली बार अमेठी से लड़ी थीं स्मृति ईरानी
2014 में भाजपा ने पहली बार अमेठी सीट से स्मृति ईरानी को चुनाव लड़ने के लिए उतारा और उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया। स्मृति ईरानी लगभग 107903 वोटो के अंतर से चुनाव हार गई। चुनाव हारने के बाद भी उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया और उन्होंने अमेठी को अपनी कर्म भूमि बना लिया। जिसका नतीजा 2019 के चुनाव में देखने को मिला और स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 55120 वोटो से चुनाव हराते हुए इतिहास रच दिया था। उस चुनाव में स्मृति को 468514 जबकि राहुल को 413394 वोट मिले थे।

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