बघेल के खिलाफ बघेल, छत्तीसगढ़ में फिर होगी चाचा-भतीजे की दिलचस्प जंग;
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भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए 21 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। चुनाव के ऐलान से पहले भाजपा ने उम्मीदवारों का ऐलान करके उन्हें बेहतर तैयारी का मौका दिया है।

नवंबर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए इन उम्मीदवारों के नाम पर मुहर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में लगाई की थी, जिसमें पीएम मोदी भी मौजूद रहे। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीनने की कोशिश में जुटी भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ उनके भतीजे विजय बघेल को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन सीट से विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार मोतीलाल साहू को करारी हार दी थी। इस बार भाजपा ने उनके खिलाफ विजय बघेल को टिकट दिया है। चाचा भूपेश से कट्टर प्रतिद्वंद्विता रखने वाले विजय बघेल अभी दुर्ग सीट से भाजपा के सांसद हैं। भूपेश की तरह विजय की भी गिनती छत्तीसगढ़ के दिग्गज नेताओं में होती है। ऐसे में पाटन सीट पर इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है।

बराबरी पर है चाचा-भतीजे का मुकाबला
चाचा भूपेश और भतीजे विजय के बीच पाटन में पहले भी दो बार मुकाबला हो चुका है। दोनों एक दूसरे को एक-एक बार मात दे चुके हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में विजय बघेल ने चाचा भूपेश बघेल को मात दी थी। पांच साल बाद 2013 में भूपेश ने विजय को हराया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विजय को टिकट नहीं दिया था। 2019 में उन्हें दुर्ग लोकसभा सीट से टिकट दिया गया और वह कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिमा चंद्राकर को भारी मतों से हराकर सांसद बने।

मुख्यमंत्री भूपेश के लिए आसान नहीं होगी सीट
राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस बार विधानसभा चुनाव में पाटन सीट से विजय बघेल को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने से सीएम भूपेश बघेल के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली होगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए सीएम भूपेश बघेल ही सीएम का फेस है। कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में भी उनका नाम है। ऐसे में अगर वे पाटन विधानसभा छोड़कर दूसरे विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए प्रचार करेंगे तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सीएम को टक्कर देने BJP के पास विकल्प नहीं
बता दें कि पाटन में ओबीसी वर्ग के सबसे ज्यादा वोटर हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सीएम भूपेश बघेल को टक्कर देने के लिए भाजपा के पास दूसरा कोई विकल्प भी नहीं है। विजय बघेल स्थानीय हैं। दूसरा वर्तमान में वे दुर्ग जिले से सांसद हैं। वह पहले भी इस क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने के दौरान उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। वहीं सीएम भूपेश बघेल को दूसरे विधानसभा में प्रचार से रोकने के लिए सांसद विजय बघेल को पाटन उतारने की बातें भी हो रही है।

भिलाई-चरौदा से पालिकाध्यक्ष भी रहे हैं विजय
भाजपा के पाटन से उम्मीदवार विजय बघेल नगर पालिका परिषद भिलाई-चरौदा के पालिकाध्यक्ष भी रह चुके हैं। भिलाई-चरौदा अब नगर निगम बन चुका है। विजय बघेल ने यहां निर्दलीय चुनाव लड़ा था और कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों को एकतरफा धुल चटाई थी। वे 5 वर्षों तक नगर पालिका परिषद भिलाई-चरौदा का अध्यक्ष रहे। यह इलाका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह है। भिलाई-3 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का निवास स्थान है।

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