शनिवार को छठे चरण के मतदान के दौरान झाड़ग्राम से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। दरअसल पश्चिम मिदनापुर जिले के गरबेटा के मंगलापोटा इलाके में उन पर और उनके सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंके गए, जिसके बाद उन्हें वहां से भागना पड़ा।इस घटना के नाटकीय दृश्य सामने आए हैं। इनमें सुरक्षाकर्मी ढाल लेकर उम्मीदवार प्रणत टुडू की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग उनका पीछा करते दिख रहे हैं।इसी दौरान एक बड़ा पत्थर कुछ ही सेंटीमीटर दूर एक व्यक्ति को लगता है। देखते ही देखते उनके आसपास कुछ और पत्थर बरसने लगते हैं, तभी भाजपा उम्मीदवार, उनके सुरक्षा अधिकारी और कुछ मीडिया कर्मियों को भागते देखा जा सकता है।टुडू ने घटना के लिए “तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के गुंडों” को दोषी ठहराया है और दावा किया है कि उनके दो सुरक्षाकर्मियों को सिर में चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहीं बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि उनके सुरक्षा अधिकारियों ने एक महिला पर हमला किया, जब वह मतदान केंद्र के बाहर अपना वोट डालने के लिए लाइन में इंतजार कर रही थी। उन्होंने कहा, इससे विरोध शुरू हो गया।झारग्राम में तृणमूल के कालीपद सोरेन, भाजपा से डॉक्टर प्रणत टुडू और माकपा से सोनामोनी मुर्मू (टुडू) चुनाव मैदान में हैं। वर्ष 2019 में यह सीट भाजपा के कुमार हेम्ब्रम के पास थी लेकिन उन्होंने अचानक राजनीति छोड़ दी। एक्स पर एक पोस्ट में, भाजपा के बंगाल सह-प्रभारी अमित मालवीय ने भी हमले के लिए टीएमसी को दोषी ठहराया और दावा किया कि लोग मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी को “सत्ता से हटाने” के लिए मतदान कर रहे हैं।भाजपा के अनुसार, पार्टी के एजेंटों को अंदर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने की रिपोर्ट मिली थीं इसके बाद टुडू गारपेटा में कुछ मतदान केंद्रों पर जा रहे थे। टुडू ने कहा, “अचानक, सड़कें ब्लॉक करने वाले टीएमसी के गुंडों ने मेरी कार पर ईंटें फेंकनी शुरू कर दीं। जब मेरे सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो वे घायल हो गए। मेरे साथ आए दो सीआईएसएफ जवानों को सिर में चोटें आईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।”स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी को इलाके में भेजा गया है। तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व ने आरोपों से इनकार किया और टुडू पर ‘‘शांतिपूर्ण मतदान प्रक्रिया को बाधित करने’’ की कोशिश करने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता ने कहा, ‘‘भाजपा उम्मीदवार मतदाताओं को धमका रहे थे। इससे ग्रामीण भड़क गये और उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया।’’ भीड़ द्वारा विभिन्न मीडिया संस्थानों के वाहनों पर भी कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई।