लोकसभा चुनाव के दौरान ही बंगाल में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के महासचिव बिनॉय तमांग को भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करने के आरोप में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।बताया गया कि तमांग दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार राजू बिस्ता के लिए वोट मांग रहे थे। उन्होंने खुलकर कहा था कि दार्जिलिंग सीट पर वह राजू को ही समर्थन देंगे। बता दें कि मांग गोरखा नेता हैं और कुछ दिन पहले ही वह कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं उन्हें राज्य यूनिट में बड़ी जिम्मेदारी भी दी गई थी।
बिनय तमांग का कहना था कि दार्जिलिंग सीट पर उनकी सलाह के बिना ही मुनीश तमांग को टिकट दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी लोगों की सुरक्षा और न्याय के लिए वह भाजपा प्रत्याशी राजू बिस्ता का समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग इस क्षेत्र की जनता की हित जाहते हैं वे राजू बिस्ता को ही वोट दें। उन्होंने यहां तक कहा था कि इस बार केंद्र में फिर से भाजपा की सरकार बन रही है। वहीं 2026 में बंगाल में भी भाजपा की सरकार बन सकती है। ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए भाजपा का समर्थन करना होगा।दार्जिलिंग में शुक्रवार को मतदान होगा। इससे पहले कांग्रेस पार्टी में यह उथल-पुथल बड़ा घटनाक्रम है। उन्होंने कहा कि गोरखा समुदाय की भलाई के लिए उन्होने अपना जीवन समर्पित किया है और वह इससे पीछे नहीं हटेंगे। वहीं बात करें भाजपा की तो पश्चिम बंगाल में बीजेपी ना केवल टीएमसी बल्कि कांग्रेस पर भी आक्रामक है।बिनॉय तमांग ने भारतीय गोरखा परिसंघ (बीजीपी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुनीश तमांग को दार्जिलिंग लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाने के कांग्रेस फैसले पर नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि कांग्रेस में शामिल होने के बाद करीब सप्ताह भर बाद ही उन्हें टिकट दिया गया है। गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने दार्जिलिंग लोकसभा सीट से मुनीश तमांग को पार्टी उम्मीदवार बनाए जाने का फैसला करने से पहले न तो उनसे और न ही पार्टी के पर्वतीय क्षेत्र के किसी नेता से परामर्श किया।