तमिलनाडु में एमके स्टालिन की सरकार सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले मौजूदा खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन का प्रमोशन करने का मान बना चुकी है। जल्द ही होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।सत्ताधारी डीएमके के कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि 2026 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए उदयनिधी को उपमुख्यमंत्री बनाना जरूरी है। वहीं स्टालिन के परिवार का ट्रैक रिकॉर्ड देखें तो इसके बड़े मायने भी निकाले जा रहे हैं। दरअसल एमके स्टालिन के एम करुणानिधि ने उन्हें पहले उपमुख्यमंत्री ही बनाया था। आज वह पार्टी के चीफ और राज्य के मुख्यमंत्री हैं।उदयनिधि स्टालिन चेपक-थिरुवल्लीकेनी से विधायक हैं और राज्य सरकार में युवा कल्याण एवं खेल विकास मामलों के मंत्री हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि उदयनिधि को उपमुख्मंत्री बनाकर एमके स्टालिन अपने काम-काज का बोझ कम करना चाहते हैं। हालांकि अभी उदयनिधि के उपमुख्यमंत्री बनने पर फाइनल मुहर नहीं लगी है जो कि एमके स्टालिन के ही हाथ में है। बताया जा रहा है कि उदयनिधि ने खुद आगे बढ़कर उपमुख्यमंत्री का पद मांगा है। करुणानिधि की सरकार में एमके स्टालिन को यह मौका काफी देर से मिला था। इलिए उदयनिधि की मां भी यह नहीं चाहती थीं कि उनके बेटे का साथ भी ऐसा ही किया जाए।
फिल्मों में बिखेर चुके हैं जलवा
उदयनिधि ने राजनीति में 2019 में एंट्री ली थी। उससे पहले वह तमिल सिनेमा में धमाल मचा रहे थे। उनकी दिलचस्पी, फैशन, पब्लिकेशन और फिल्म प्रोडक्शन में रहती है। उनकीरेड जॉयन्ट्स नाम की एक प्रोडक्शन कंपनी भी है। 2006 में यह भी आरोप लगा था कि स्टालिन का परिवार तमिल सिनेमा में एकछत्र राज चाहते हैं। आज बी रेड जॉयंट्स प्रोडक्शन की फिल्में तमिल सिनेमा में छाई रहती हैं। उदयनिधि ने लीड ऐक्टर के तौर पर 2012 में पहली फिल्म आधवन की थी। इसके बाद उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट मेल ऐक्टर डेब्यू अवॉर्ड भी मिला। उन्होंने आखिरी फिल्म 2023 में मामन्न की है जिसे खूब तारीफ मिली।
सनातन पर विवादित बयान के बाद बवाल
पिछले साल सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने के बाद उदयनिधि स्टालिन विवादों में आ गए थे। उन्होंने कहा था, कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें जड़ से खत्म कर देना चाहिए। उदयनिधि ने कहा था कि डेंगू, मच्छर, मलेरिया और कोरोना वायरस जैसी चीजों का विरोध नहीं कर सकते। इन्हें जड़ से खत्म करना होगा। इसी तरह सनातन को भी खत्म करना है। उदयनिधि के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में उनकी खूब आलोचना हुई। माना जाता है कि उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाने में इसीलिए देरी भी हुई।