माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। जांच पर रिपोर्ट मांगते हुए कहा है कि अभी तक इस मामले में क्या हुआ है?
मुकदमा कहां तक पहुंचा? इसके अलावा भी सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि अतीक-अशरफ हत्याकांड में कोई पुलिस या प्रशासन का व्यक्ति शामिल है। ‘लॉ टुडे’ के अनुसार, अतीक-अशरफ मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रवींद्र भट ने पूछा, ”5-10 लोग उनकी सुरक्षा कर रहे हैं… कोई कैसे आ सकता है और गोली मार सकता है? ये कैसे होता है? किसी की मिलीभगत है।”
सुप्रीम कोर्ट ने अतीक के दोनों नागालिग बेटों को न्यायिक हिरासत में रखे जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट ने सवाल किया है कि दोनों को अभी तक न्यायिक हिरासत में क्यों रखा गया है? उन्हें उनके रिश्तेदारों को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है। माफिया डॉन से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों को पुलिस मेडिकल चेकअप के लिए ले गई थी।
वहां पर मौजूद टीवी कैमरों के सामने तीन शूटरों ने गोली चलानी शुरू कर दी, जिसमें दोनों भाइयों की मौके पर ही जान चली गई। अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और गुड्डू मुस्लिम भी तभी से गायब है। यूपी एटीएस और पुलिस दोनों की खोजबीन में लगी हुई है। दरअसल, अतीक और अशरफ की बहन आयशा नूरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हत्याकांड पर जांच की मांग की है, जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से हलफनामा दायर करने के लिए कहा है। इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है।
शाइस्ता के बाद गुड्डू मुस्लिम भी भगौड़ा घोषित
अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को भगौड़ा घोषित किए जाने के बाद अब गुड्डू मुस्लिम की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। उमेश पाल हत्याकांड के पांच लाख इनामी आरोपी गुड्डू मुस्लिम को भगौड़ा घोषित कर दिया गया है। पुलिस ने शिवकुटी के लाल की सराय इलाके में इसको लेकर मुनादी भी करवाई। पुलिस ने ढोल लेकर मुनादी बजाते हुए लोगों को बताया कि अब कानून की नजरों में गुड्डू मुस्लिम भगौड़ा है। उसके घर पर भी धारा 82 का नोटिस चिपका दिया गया है। पुलिस ने यह भी साफ किया है कि जो शख्स भी उसे पनाह देता है या मदद करता है उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।