प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के अपने पहली राजकीय दौरे पर हैं। इस ऐतिहासिक दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत द्वारा जनरल एटमिक्स एमक्यू-9 ‘रीपर’ सशस्त्र ड्रोन की खरीद को लेकर एक बड़े समझौते की घोषणा की।
इधर आर्थिक संकट से जूझ रहा भारत का पड़ोसी देश बेचैन है। पाकिस्तान के लोगों को डर है कि अगर भारत-अमेरिका के संबंध और बेहतर हुए तो पाकिस्तान पर इसका बुरा असर होगा जो पहले ही चीन के चुंगल में फंसा हुआ है।
हिना रब्बानी ने उठाया बालाकोट एयर स्ट्राइक का मुद्दा
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा पर टिप्पणी करते हुए, पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा संप्रभु देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सकारात्मक रूप से देखेगा और उन्हें नकारात्मक दृष्टि से नहीं देखेगा। लेकिन इस दौरान उन्होंने बालाकोट एयर स्ट्राइक का मुद्दा भी उठाया।
वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “किसी भी चीज को नकारात्मक रूप से देखने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का एक बहुत ही लड़ाकू पड़ोसी है, जिसने 2019 में पाकिस्तान में जेट भेजकर सैन्य दुस्साहस किया। उन्होंने इस कदम को “अभूतपूर्व” और “अकल्पनीय” बताया। हिना रब्बानी का इशारा बालाकोट एयर स्ट्राइक की ओर था।
क्या थी बालाकोट एयर स्ट्राइक?
ज्ञात हो कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले से पूरे देश आक्रोश में था। दो सप्ताह बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 विमानों ने रात के अंधेरे में नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाके खैबर पख्तूनख्वाह के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैम्पों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस एयर स्ट्राइक में कई आतंकी मारे गए थे।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, हिना रब्बानी ने आगे कहा कि दुनिया को इस फैक्टर पर गौर करना चाहिए और तय करना चाहिए कि क्या क्षेत्रीय सुरक्षा में भूमिका के लिए प्रचारित किए जा रहे लोग इसके लायक हैं। भारत और अमेरिका के बीच हो रहे रक्षा सौदों को लेकर उन्होंने कहा, “दुनिया को यह देखना होगा कि क्या उनके (भारत) कारण संघर्ष बढ़ा या समाधान निकला? हमें उम्मीद है कि क्षेत्र और पाकिस्तान के लिए कुछ भी गलत नहीं होगा।”
पीएम मोदी की इस यात्रा ने पाकिस्तान को भारत के साथ उसके तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए एक अनिश्चित स्थिति में डाल दिया है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत के साथ अमेरिका का सहयोग बढ़ा है वहीं पाकिस्तान चीन के करीब आ गया है – खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) में चीनी के निवेश के बाद स्थिति बदली है।
पाक मंत्री बोले- हमारी कीमत पर न हो…
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने इंटरव्यू में कहा कि भारत और अमेरिका अपने संबंध बेहतर कर रहे हैं उससे पाकिस्तान को कोई समस्या नहीं है लेकिन यह पाकिस्तान की कीमत पर न हो। वहीं भारत में पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक अब्दुल बासित ने कहा है कि अमेरिका और भारत की रक्षा साझेदारी से साउथ एशिया में अस्थिरता बढ़ेगी और हथियार जुटाने की होड़ लगेगी।