कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। दरअसल, 11 अप्रैल को सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठ गए थे। इस बात को लेकर सूबे के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस आलाकमान पायलट से खासा नाराज हो गए थे।
भारी नाराजगी के बाद भी कांग्रेस ने अब तक पायलट को लेकर कोई सख्ती नहीं दिखाई है। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले को लेकर सुखजिंदर सिंह रंधावा ने अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट नहीं सौंपी है। रंधावा राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी हैं। पायलट को लेकर कांग्रेस आलाकमान कोई भी जल्दबाजी नहीं करना चाहती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पायलट-गहलोत मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपने से पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा सचिन पायलट से मुलाकात करेंगे। इस दौरान कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत को दिल्ली भी बुला सकती है। एबीपी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस पार्टी सचिन पायलट को लेकर कोई जल्दबाजी में फैसला नहीं करना चाहती है। इस मामले को लेकर देरी इसलिए हो रही है क्योंकि पायलट के पुराने कई बयानों की समीक्षा की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रंधावा साल 2020 से लेकर अब तक पायलट के द्वारा दिए गए सभी बयानों की समीक्षा कर रहे हैं।
सचिन पायलट और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बीच का मनमुटाव जगजाहिर है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ आए दिन ‘शब्द बाण’ चलाते रहते हैं। बीते दिनों सचिन पायलट गहलोत सरकार से सवाल पूछते हुए उनके खिलाफ अनशन पर बैठ गए थे। ऐसे में कांग्रेस पार्टी चाहती है कि दोनों नेताओं के बीच का विवाद जल्द से जल्द सॉल्व कर दिया जाए। इसके लिए कांग्रेस ने एक दिग्गज नेता का सहारा लिया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को इस बढ़ते विवाद को सुलझाने के लिए कहा गया है। सूत्रों के मुताबिक, गहलोत और पायलट के बीच सब कुछ ठीक करने का काम कमलनाथ कर रहे हैं। पार्टी नहीं चाहती है कि चुनाव से पहले दोनों के बीच और विवाद बढ़े।