प्रदर्शनकारी पहलवानों के आरोपों को नकारते हुए दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को दावा किया कि उनका कोई पुलिसकर्मी नशे में नहीं था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि एक मेडिकल टेस्ट के जरिए यह स्पष्ट हुआ है कि किसी पुलिसकर्मी ने शराब नहीं पी रखी थी।
प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस कर्मी पर आरोप लगाया था कि उसने शराब के नशे में दो पहलवानों पर हमला किया। पहलवानों का दावा है कि पुलिसकर्मियों ने उनकी पिटाई की है और कुछ लोगों को सिर में चोट आयी है। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि मेडिकल जांच में शराब नहीं पाई गई।
इससे पहले दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है। इसके जवाब में डीसीपी ने कहा कि इलाके में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है। डीसीपी ने कहा, “स्वाति मालीवाल को हिरासत में लिया गया और फिर रिहा कर दिया गया।” पुलिस ने कहा कि यह सब विवाद जंतर मंतर पर बिस्तर लाने वाले लोगों के साथ शुरू हुआ। इसकी अनुमति नहीं थी। एएनआई ने एक पुलिस सूत्र के हवाले से बताया, “रात में जबरन माहौल खराब करने की कोशिश की गई, जिसका पुलिस ने विरोध किया।”
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि बुधवार की रात हुई इस झड़प में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। वहीं, पहलवानों का दावा है कि पुलिसकर्मियों ने उनकी पिटाई की है और कुछ लोगों को सिर में चोट आयी है। डीसीपी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया है, ‘‘रात के समय पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस अधिकारी मौके पर थीं। मेडिकल परीक्षण में कोई पुलिसकर्मी शराब के नशे में नहीं मिला है। झड़प के दौरान पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।’’
आज दिन में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, प्रदर्शनकारियों ने उन्हें बताया है कि घटना के वक्त पुलिसकर्मी नशे में थे। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, दो पहलवानों राहुल यादव और दुष्यंत फोगाट को घटना में चोट आयी है। पुरस्कार विजेता फोगाट को सिर में चोट आई है। डीसीपी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए दिल्ली में जगह-जगह अवरोधक लगाए गए हैं।
पुलिस ने बुधवार की रात पहलवानों के प्रदर्शन में पहुंचे राज्यसभा सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा और मालिवाल को हिरासत में लिया था। पहलवानों ने ‘भारतीय कुश्ती फेडरेशन’ के प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ये लोग सिंह की गिरफ्तारी और उन्हें पद से हटाने की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर बैठे हैं।