पन्नू केस में US का साथ दे रहा भारत, निज्जर केस में कनाडा का नहीं; एक जैसे मामले में दो रुख क्यों
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खालिस्तान समर्थक दो आतंकवादियों से जुड़े दो मामलों में भारत की प्रतिक्रिया अलग-अलग है। एक मामला खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिका में कथित हत्या की साजिश से जुड़ा है, जिसमें अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया गया है कि पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय एजेंट शामिल थे।

इस केस में मामला अदालत में आगे बढ़ा है और दो लोगों पर अभियोग लगाए गए। उनमें से एक आरोपी को प्रत्यर्पित किया जा चुका है।उधर, कनाडा में भी इसी तरह के एक खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा सरकार खासकर वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भरी संसद में आरोप लगाया कि उनके पास विश्वसनीय सबूत हैं कि निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिक और एजेंट शामिल थे लेकिन पीएम के कहने के बावजूद आज तक कनाडा कोई ठोस सबूत नहीं दे सका है। हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल यानी जून 2023 में सरे में एक गुरुद्वारे के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप के सिवाय एक प्रगति यह हुई है कि दोनों देशों ने अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है और दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।हालांकि अमेरिका और कनाडा दोनों ने क्रमश: पन्नू और निज्जर मामले में भारत से सहयोग की मांग की थी लेकिन अमेरिका ने जहां मामले में ठोस सबूत दिए हैं और अमेरिकी अदालत का ब्योरा थमाया है, वहीं कनाडा सिर्फ खुफिया सूचनाओं के आधार पर बयानबाजी कर रहा है। कनाडा ने ये खुफिया जानकारी भी अमेरिका से उधार लिया है। अमेरिका ने 17 अक्तूबर को भारत से मिल रहे सहयोग की सराहना की थी।अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, “हम भारत से मिल रहे सहयोग से संतुष्ट हैं… हम इस सहयोग की सराहना करते हैं, और हम उनकी जांच के बारे में हमें अपडेट करने की सराहना करते हैं। हम भी उन्हें अपनी जांच के बारे में अपडेट करते रहेंगे।” अमेरिकी विदेश विभाग की यह टिप्पणी अमेरिका में पन्नु की हत्या की नाकाम साजिश के बारे में अमेरिकी अधिकारियों के साथ भारतीय जांच समिति की बैठक के बाद आई है।दूसरी तरफ कनाडा आरोप लगाने में अव्वल रहा है जबकि भारत को ठोस सबूत देने में अब तक फिसड्डी रहा है। भारत कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज कर चुका है और उसे मनगढ़ंत बताया है। भारत बार-बार कहता रहा है कि कनाडा के आरोप बेबुनियाद हैं और उसके कोई ठोस सबूत नहीं हैं। भारत ने कनाडा के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है ताकि सिख वोटों को साधा जा सके। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अमेरिका और कनाडा भले ही पन्नु और निज्जर मामलों में आपसी समन्वय कर रहे हैं। लेकिन इस मुद्दे पर उनके काम करने के तरीके में अंतर है। हालांकि, वह अमेरिका ही है जिसने एक तरह से पन्नु और निज्जर मामलों को जोड़ा है लेकिन कनाडा की एजेंसी आरोप लगाने के सिवाय सबूत नहीं जुटा पाई है।कनाडा के नागरिक हैं ये खालिस्तानी, सरकार देती है बढ़ावा; बरसे संजय कुमार वर्माभारत की भूल, कनाडा और अमेरिका में अपराध करके… कनाडा के पूर्व उच्चायुक्त का बयाननिज्जर-पन्नू पर एक तीर से निशाना लगा रहा था भारत, कनाडाई उच्चायुक्त ने उगला जहरट्रूडो ने नष्ट कर दिए भारत-कनाडा संबंध, वतन वापसी से पहले खूब बरसे संजय वर्माअमेरिकी विदेश विभाग ने पन्नु की हत्या की असफल साजिश रचने के लिए कथित रूप से रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व अधिकारी विकास यादव पर आरोप लगाया है। अमेरिकी अदालत के अभियोग में कहा गया है कि यादव ने पन्नु की हत्या की साजिश में अपने सह-साजिशकर्ता के साथ संवाद करते समय ‘अमानत’ उपनाम का इस्तेमाल किया था। एफबीआई ने यादव की तस्वीरें जारी कीं और कहा कि वह हरियाणा के प्राणपुरा का रहने वाला है। यादव के खिलाफ आरोप दूसरे अभियोग का हिस्सा थे जिसे न्यूयॉर्क की एक अदालत में खोला गया था। उनके कथित सह-षड्यंत्रकारी, निखिल गुप्ता पर पहले ही आरोप लगाया जा चुका है और उन्हें अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा चुका है।

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