लोकसभा चुनाव का रण शुरू हो चुका है। सभी दल एक दूसरे को पटखनी देने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं। इसी रणनीति के तरह दूसरे दलों के कद्दावर नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराने का दौर चल रहा है।सोमवार को एक तरफ भाजपा की दूसरी सूची पर मंथन हो रहा है और जारी होने की संभावना है। दूसरी तरफ आजमगढ़ की लालगंज सीट से बसपा सांसद संगीता आजाद को भाजपा में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या संगीता आजाद का टिकट कहीं से फाइनल हो गया है। हालांकि भाजपा लालगंज से नीलम सोनकर को पहले ही प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। इससे पहले संगीता आजाद ने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी। उसके बाद से ही संगीता आजाद के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लग रही थीं।संगीता आजाद के साथ ही उनके पति पूर्व विधायक आजाद अरिमर्दन भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। बसपा को झटका एडवोकेट सीमा कुशवाहा ने भी दिया है। सीमा कुशवाहा भी भाजपा में शामिल हो गई हैं। सीमा कुशवाहा यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बसपा में शामिल हुईं थीं। पहले दिल्ली के निर्भया कांड और फिर हाथरस के रेप कांड से सीमा कुशवाहा चर्चा में आई थीं। संगीता आजाद और सीमा कुशवाहा को यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक औऱ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की उपस्थिति में संगीता, सीमा और अरिमर्दन को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई।संगीता आजाद के भाजपा की सूची जारी होने से ठीक पहले बीजेपी में शामिल होने से लालगंज से उनके टिकट की अटकलें लग रही हैं। संगीता आजाद ने पिछली बार नीलम सोनकर को हराकर सांसद बनी थीं। इस बार भी नीलम प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं। संगीता आजाद के पति आजाद अरिमर्दन भी विधायक रह चुके हैं। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही बसपा के पूर्व विधायक व उनकी सांसद पत्नी संगीता आजाद ने अपने वाहन से बसपा का झंडा उतार लिया था।इससे पहले संघ की मीटिंग में भी पूर्व विधायक आजाद अरिमर्दन और संगीता आजाद शामिल भी हो चुकी हैं। पिछले 6 महीने से दोनों के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। अब शामिल होने को टिकट फाइनल होने से जोड़ा जा रहा है।विधानसभा 2022 के चुनाव में बसपा से विधायक रहे संगीता आजाद के पति आज़ाद अरिमर्दन को करारी हार मिली थी। समाजवादी पार्टी के बेचई सरोज ने उन्हें हराया था। आजाद अरिमर्दन के पिता व सांसद संगीता आजाद के ससुर गांधी आजाद बसपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं। उन्होंने कांशीराम के साथ मिलकर बसपा की स्थापना की। गांधी आजाद राज्यसभा के सांसद भी रहे।