कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए जा चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। केजरीवाल का कहना है कि वह जेल से ही अपनी सरकार चलाएंगे।इस बीच आम आदमी पार्टी के एक पूर्व नेता ने कहा है कि दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है और एलजी वीके सक्सेना को तुरंत राष्ट्रपति शासन के लिए सिफारिश कर देनी चाहिए। पत्रकार से नेता बने और फिर अपने पुराने पेशे में वापसी करने वाले आशुतोष ने कहा है कि गिरफ्तारी के बावजूद किसी मुख्यमंत्री का इस्तीफा नहीं देना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।आशुतोष ने एक टीवी डिबेट शो के दौरान कहा, ‘मेरे समझ में नहीं आ रही है कि भारतीय जनता पार्टी बार-बार यह कह रही है कि हम सरकार नहीं चलने देंगे। जेल में मुख्यमंत्री हैं। उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। मैं ऑन रिकॉर्ड कह चुका हूं कि यह संवैधानिक संकट का मामला है। आखिर भाजपा किस बात का इंतजार कर रही है। क्यों नहीं वहां राष्ट्रपति शासन नहीं लगाती। जेल से कोई मुख्यमंत्री सरकार चला ही नहीं सकता है। यह असंभव स्थिति है, भले ही संविधान में कुछ लिखा हो या नहीं।’आशुतोष ने कहा कि दिल्ली में सरकारी कामकाज और प्रशासन एक दो दिन में पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यदि ऐसा होगा तो कौन जिम्मेदारी लेगा? क्या आम आदमी पार्टी जिम्मेदारी लेगी, क्या भाजपा जिम्मेदारी लेगी। यह दिल्ली में मजाक हो रहा है। ना तो भाजपा को चिंता है कि सरकार कैसे चलेगी और ना ही आम आदमी पार्टी को।’ केजरीवाल के पुराने साथी ने कहा, ‘जैसे ही कोई व्यक्ति जेल जाता है, उसकी स्वतंत्रता खत्म हो जाती है और वह सरकार चलाने के अक्षम हो जाता है। एलजी की जिम्मेदारी है कि वह विधानसभा को नया नेता चुनने को कहें। यदि विधानसभा से ऐसा नहीं किया जाता है तो गृहमंत्रालय से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करें।’गौरतलब हैं कि 21 मार्च को गिरफ्तार किए गए अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे और जेल से ही अपनी सरकार चलाएंगे। हालांकि, कई संवैधानिक जानकार उनके इस प्लान को अव्यवहारिक बता चुके हैं। आम आदमी पार्टी का कहना है कि यह संभव है और इसके लिए अदालत से भी इजाजत ली जा सकती है। हालांकि, आज ही एक टीवी कार्यक्रम में दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि दिल्ली में सरकार जेल से नहीं चलेगी।