देश की राजधानी दिल्ली में बिजली के दामों में बढ़ोतरी की जा सकती है। दिल्ली में बिजली के दाम क्यों बढ़ रहे हैं? आम आदमी पार्टी सरकार ने इसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी मर्लेना ने मीडिया से बातचीत कहा कि दिल्ली में जिन लोगों का बिजली बिल शून्य आता है उनका बिल शून्य ही आता रहेगा।
इसके बाद आतिशी मर्लेना ने कहा कि दिल्ली में ये जो बिजली के दाम बढ़ रहे हैं ये सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार की वजह से बढ़ रहे हैं। पीपीएसी यानी पावर पर्चेज एंग्रीमेंट कॉस्ट 10 साल के लिए फिक्स होती है। लेकिन चाहे डीईआरसी हो या फिर कोई भी रेगुलेटरी कमेटी हो वो हर कुछ महीने बाद इस पावर पर्चेज के दामों का मूल्यांकन करती है और बिजली कंपनियों को उस हिसाब से तीन महीने के लिए दाम घटाने या बढ़ाने की अनुमति है।
आतिशी ने आगे कहा, ‘आज बिजली का दाम इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि केंद्र सरकार के खराब प्रबंधन के चलते आज देश में कोयला महंगा हो गया है। आज भारत के 75 साल के इतिहास में कोयले की कृत्रिम कमी हो गई है। इस कमी की वजह से कोयले का दाम बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने जबरन फरमान जारी कर कहा है कि अगर कोई भी कोयला खरीदेगा तो उन्हें 10 फीसदी आयातित कोयला इस्तेमाल करना पड़ेगा। आयातित कोयले का दाम भारत के कोयले के दाम से कम से कम 10 गुना ज्यादा है। अगर भारत के घरेलू कोयले का इस्तेमाल करते हैं तो वो करीब 2000 रुपये टन का आता है लेकिन अब जो बाहर से मंगाए गए कोयले बिजली कंपनियों को इस्तेमाल करना पड़ रहा है वो 25,000 रुपये टन आ रहा है। इसलिए आज अगर बिजली के दाम बढ़ रहे हैं तो सिर्फ और सिर्फ केंद्र सरकार के खराब प्रबंधन की वजह से बढ़ रहे हैं।’
इसके बाद आतिशी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि केंद्र सरकार और कोयला आयातकों के साथ आखिर क्या सांठगांठ है? आखिर 10 गुना दाम पर हमें जबरन क्यों खरीदना पड़ रहा है? आतिशी ने बताया कि जिनके 200 यूनिट तक के मुफ्त बिजली आते हैं उनपर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन जिनके बिल बिना सब्सिडी के आते हैं उनको प्रति यूनिट कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि टैरिफ तो पहले से ही फिक्स हैं। लेकिन 8 प्रतिशत का सरचार्ज उनके बिल पर बढ़ेगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर उनका बिल 100 रुपये का आता है तो अब वो 108 रुपये का आएगा।
बता दें कि डीईआरसी ने दिल्ली में बीएसईएस, बीवआईपीएल और एनडीएमसी को पावर परचेज एग्रीमेंट पर दर बढ़ाने की इजाजत दे दी है। आयोग के पास टाटा पावर के अलावा अन्य कंपनियों ने अपनी अर्जी लगाई थी और बिजली के दामों में बढ़ोतरी की मांग की थी। जिसके बाद डीईआरसी ने इसकी मंजदूरी दे दी है।