दिल्ली में प्राइवेट अस्पताल भी हड़ताल में शामिल, एम्स में 99% घटी सर्जरी, डरा रहे हालात
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डॉक्टरों की हड़ताल हर गुजरते दिन के साथ जोर पकड़ती जा रही है। अब दिल्ली के प्रमुख निजी अस्पतालों के डॉक्टर भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। दिल्ली के प्रमुख निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और अपनी ओपीडी, वैकल्पिक सर्जरी और आईपीडी सेवाएं बंद कर दीं।दिल्ली के सर गंगा राम, फोर्टिस और अपोलो जैसे अस्पतालों ने शनिवार को अपनी ओपीडी, वैकल्पिक सर्जरी और आईपीडी सेवाएं बंद कर दीं।
AIIMS में 99 फीसदी कम हुई सर्जरी
एम्स दिल्ली में शनिवार को रेजिडेंट डॉक्टरों के अलावा फैकल्टी यानी प्रोफेसर भी हड़ताल पर रहे। इस वजह से सिर्फ 202 मरीजों का ओपीडी में उपचार हुआ, जबकि यहां आम दिनों में 13 से 15 हजार रोगी हर रोज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। एम्स प्रशासन के मुताबिक, शनिवार को छोटे-बड़े मिलाकर कुल 66 ऑपरेशन किए गए। यह सामान्य दिनों के मुकाबले 99 फीसदी कम हैं।
OPD में भी हालात खराब
दिल्ली एम्स के ओपीडी में शनिवार को कुल 202 मरीज देखे गए, जो आम दिनों की अपेक्षा 99 प्रतिशत कम हैं। कुल 240 मरीज भर्ती हुए। यह संख्या भी सामान्य दिनों के मुकाबले 90 फीसदी कम हैं। इमरजेंसी में सिर्फ 278 मरीज देखे गए। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टरों, नर्स और अन्य कर्मचारियों के साथ फैकल्टी एसोसिएशन भी हड़ताल में शामिल हुए। अस्पताल में जवाहरलाल नेहरू ऑडिटोरियम से निकाले गए विरोध मार्च में फैकल्टी ने नारेबाजी की।
ये प्राइवेट अस्पताल में हड़ताल में शामिल
शनिवार को सर गंगा राम, फोर्टिस और अपोलो जैसे अस्पतालों ने अपनी ओपीडी, वैकल्पिक सर्जरी और आईपीडी सेवाएं बंद कर दीं। सर गंगा राम अस्पताल के प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अजय स्वरूप ने कहा कि हमने ओपीडी, वैकल्पिक ओटी और आईपीडी काम को पूरी तरह बंद करने की घोषणा की है। जब तक डॉक्टरों और स्टाफ की सुरक्षा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस बदलाव नहीं किए जाते, हम आंदोलन का समर्थन करते रहेंगे।
क्या बोले निजी अस्पतालों के डॉक्टर?
फोर्टिस अस्पताल ने कहा- कोलकाता की घटना से हम बेहद दुखी हैं। हम चिकित्सा समुदाय के साथ एकजुटता में खड़े हैं। अपोलो अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, अपोलो भी विरोध में शामिल हो गया है। अस्पताल में ओपीडी बंद है और केवल इमरजेंसी सेवाएं ही प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही दिल्ली के सभी प्रमुख अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला। वहीं निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया।

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