दिल्ली तक था दुजाना का खौफ; साहिबाबाद में शादी समारोह में खेली थी खून की होली
Sharing Is Caring:

दिल्ली एनसीआर के कुख्यात माफियाओं में शुमार अनिल दुजाना को यूपी एसटीएफ की टीम ने मेरठ में एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। मेरठ में गंग नहर पर भोला की झाल के पास एसटीएफ और अनिल दुजाना गैंग के बीच सीधी मुठभेड़ हुई।अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, दिल्ली और हरियाणा के शहरों में आतंक का पर्याय माना जाता था। दिल्ली एनसीआर के शहरों में दुजाना (36) के खिलाफ कई गंभीर केस दर्ज थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जनवरी 2022 में उसको गिरफ्तार कर लिया था। वह दस अप्रैल को दिल्ली की मंडोली जेल से जमानत पर छूटा था।

तीन दशकों से जरायम की दुनिया में था एक्टिव
अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर में दादरी क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था। वह पिछले करीब 3 दशकों से जरायम की दुनिया में सक्रिय था। अनिल दुजाना पर गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग जिलों में करीब 50 मुकदमें चल रहे हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती, लूटपाट, रंगदारी, जान से मारने की धमकी देने के साथ बलवा, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका के तहत केस चल रहे हैं।

जेल से छूटते ही नोएडा में गवाहों को दी थी धमकी
दुजाना गांव गौतमबुद्ध नगर जिले की बादलपुर कोतवाली क्षेत्र में पड़ता है। अनिल दुजाना बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर था। हाल ही में जेल से छूटते ही उसने गौतमबुद्ध नगर में हत्या के एक मामले में गवाहों को धमकी दी थी। इन आरोपों को लेकर उस पर 2 मुकदमे दर्ज किए गए थे।

यूपी के टॉप बदमाशों में था शुमार
अनिल दुजाना उत्तर प्रदेश के टॉप बदमाशों में शामिल था। कुछ दिनों पहले यूपी के टॉप 65 माफियाओं की लिस्ट योगी आदित्यनाथ कार्यालय से जारी की गई थी। इसमें ग्रेटर नोएडा के अनिल दुजाना का नाम भी शामिल था। इस लिस्ट में गौतमबुद्ध नगर जिले के सात माफिया शामिल थे। इनमें से 6 जेल में बंद हैं। अनिल दुजाना जेल से बाहर आने के बाद फरार चल रहा था। गौतमबुद्ध नगर पुलिस की सात स्पेशल टीमें दुजाना का पीछा कर रही थीं।

गैंगवार से अपराध में एंट्री
अनिल दुजाना की अपराध में एंट्री गैंगवार से होती है। पश्चिमी यूपी में इस गैंगवॉर की शुरुआत सतबीर गुर्जर और महेंद्र फौजी के बीच टकराव से हुई थी। बाद में सतबीर गुर्जर के दो गुर्गे सुंदर भाटी और नरेश भाटी अपनी अलग अलग गैंग चलाने लगे तो दोनों में अदावत शुरू हो गई। नरेश भाटी ने राजनीति में कदम रखा जो सुंदर भाटी को नागवार गुजरा।

सुंदर भांटी के खिलाफ छेड़ दी थी जंग
साल 2004 में सुंदर भाटी ने जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके नरेश भाटी की हत्या कर दी। नरेश भाटी की मौत के बाद दुजाना ने गिरोह की कमान अपने हाथ में ले ली थी। दुजाना को साथ लेकर नरेश के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने की योजना बनाई। नवंबर 2011 की बात है तब साहिबाबाद स्थित भोपुरा में सुंदर भाटी के साले की शादी थी।

शादी समारोह में खेली थी खून की होली
इसी शादी समारोह में दुजाना की गैंग ने कहर बरपाया था। दुजाना ने रणदीप और कसाना के साथ शादी समारोह में एक-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस शूट आउट में तीन लोग मारे गए लेकिन सुंदर भाटी बच निकला था।

गाजियाबाद में दर्ज हुआ था हत्या का पहला केस
दुजाना ने 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में हरबीर पहलवान की हत्या कर दी थी। गाजियाबाद में दुजाना पर यह हत्या का पहला केस दर्ज किया गया था। इसके बाद दुजाना अपराध के दलदल की गहराई में उतरता चला गया। धीरे-धीरे उसका खौफ गौतमबुध नगर और दिल्ली समेत एनसीआर के अन्य शहरों तक कायम होता चला गया।

वारदातों के साथ बढ़ती गई दहशत
बाद में उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट लग गया। जैसे जैसे दुजाना के खिलाफ मामलों की संख्या बढ़ी उसकी दहशत भी बढ़ती गई। आलम यह कि कई शहरों की पुलिस ने उसके सर पर इनाम घोषित किए। नोएडा पुलिस ने उस पर 50 हजार तो बुलंदशहर पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम रखा था।

दिल्ली-एनसीआर तक था खौफ
दुजाना के खिलाफ हत्या के 11 मामले दर्ज थे। उसके खिलाफ दंगा, डकैती और जबरन वसूली के भी कई मामले चल रहे थे। दुजाना 2002 में नोएडा के सेक्टर-8 में एक व्यक्ति की हत्या करने के बाद नोएडा पुलिस के सामने आया था। दुजाना के खिलाफ गाजियाबाद, नोएडा, मुजफ्फरनगर समेत यूपी के कई जिलों में हत्या, लूट, डकैती और जबरन वसूली के मामले दर्ज हैं। दिल्ली में भी उस पर कई वारदातों को अंजाम देने का आरोप था।

दुजाना के गांव के बदमाश सुंदर ने इंदिरा जी को दी थी धमकी
अनिल दुजाना का जन्म यूपी के दुजाना गांव में हुआ था। उसका नाम अनिल नागर था लेकिन जैसे ही वह अपराध की दुनिया में कुख्यात हुआ उसे लोग अनिल दुजाना के नाम से जानने लगे। दरअसल, एक वक्त ऐसा था जब दुजाना गांव कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से पूरे देश में चर्चित हो गया था। यह दौर सत्तर और अस्सी के दशक का था। इस समय बदमाश सुंदर का खौफ दिल्ली-एनसीआर तक कायम था। सुंदर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जान से मारने की धमकी दे डाली थी। इसके साथ ही उसका नाम पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version