दिल्ली के 5 एग्जिट पोल में AAP-कांग्रेस के लिए खुशखबरी, 7-0 नहीं कर पाएगी BJP
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कथित शराब घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन का क्या ‘INDIA’ को फायदा मिल सकता है? शनिवार शाम देश के साथ दिल्ली पर कई एग्जिट पोल्स सामने आए।इनमें कुछ में अनुमान लगाया गया है कि कांग्रेस और ‘आप’ का गठबंधन भाजपा से कुछ सीटें छीनने में कामयाब रह सकता है। कम से कम दो सर्वे में दावा किया गया है कि भाजपा इस बार क्लीन स्वीप नहीं कर पाएगा।रिपब्लिक और मेटराइज के सर्वे में भविष्यवाणी की गई है कि दिल्ली में इंडिया गठबंधन भाजपा से दो सीटें छीन सकती है। पिछले एक दशक में यह पहला मौका होगा जब भाजपा राजधानी में क्लीन स्वीप नहीं करेगी। एग्जिट पोल में दावा किया गया है कि भाजपा को 5 सीटें मिल सकती हैं तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन दो सीटों पर जीत हासिल कर सकता है।टूडेज चाणक्या के एग्जिट पोल में भी इंडिया गठबंधन के लिए खुशखबरी दिख रही है। न्यूज 24 के साथ किए गए एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया है कि इंडिया गठबंधन भाजपा से एक सीट छीन सकती है। दिल्ली में भाजपा को 6 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। हालांकि, 2019 और 2014 में भाजपा ने सभी सात सीटों पर जीत हासिल की थी। इस लिहाज से यदि यह एग्जिट पोल सच साबित हुआ तो भाजपा को कुछ नुकसान हो सकता है।आज तक एक्सिस माय इंडिया का भी अनुमान है कि दिल्ली में भाजपा 6-7 सीटें जीत सकती है। वहीं, इंडिया गठबंधन को 0-1 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।न्यूज-18 के सर्वे में भारतीय जनता पार्टी को 5-7 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। इंडिया गठबंधन को 0-2 सीटें मिल सकती हैं। इंडिया गठबंधन की दोनों सीटें कांग्रेस को जाने का अनुमान।

कांग्रेस के लिए भी राहत के संकेत
इंडिया टीवी के एग्जिट पोल के मुताबिक- भाजपा को 6-7 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी को 0-1 सीट मिलने का अनुमान है। हालांकि, आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान जताया गया है।

क्या केजरीवाल को मिले सहानुभूति के वोट?
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाया। नारा दिया गया था- जेल का जवाब वोट से। माना जा रहा है कि पार्टी को इसका कुछ फायदा मिल सकता है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन करके यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि भाजपा विरोधी वोट एकजुट हो जाएं।

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