अयोध्या में राममंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। दिसंबर तक पहले चरण का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह मकर संक्रांति 14 जनवरी से शुरू हो जाएगा।
22 जनवरी को रामलला मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। राममंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येद्र दास महाराज ने मंदिर के निर्माण को अद्भुत बताया। कहा कि राम मंदिर इस तरह का बन रहा है जैसे त्रेता युग में रहा होगा। इसे देखने का बाद लोगों को पता चल जाएगा कि त्रेता युग में श्रीराम का मंदिर किस तरह का रहा होगा।
उन्होंने बताया कि यह मंदिर दिव्य और भव्य बन रहा है। इसे बेहद खूबसूरती के साथ बनाया जा रहा है। विशेष रूप से इसका गर्भ गृह बेहद आकर्षक है। मंदिर में अब नक्काशी का काम चल रहा है। मंदिर के प्रथम तल का फर्श तैयार हो चुका है। केवल खड़कियों और द्वारों का काम होना बाकि है। यह भी कहा कि इस मंदिर को ऐसा बनाने की कोशिश हो रही है, जितना सुंदर कोई अन्य मंदिर न हो। इसे देखने के बाद लोग जान सकेंगे कि त्रेता युग में किस तरह का मंदिर रहा होगा। मंदिर को तीन मंजिला बनाया जा रहा है। सबसे ऊपर शिखर भी होगा। निर्माण से संबंधित सभी तैयारियां बहुत अच्छे तरीके से और तेजी से चल रही हैं।
रामनवमी पर रामलला पर पड़ेंगी सूर्य की किरणें
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर की विशेषता बताते हुए कहा कि मंदिर में हर वर्ष रामनवमी के दिन दोपहर बारह बजे सूर्य की किरणें श्रीराम की मूर्ति पर पड़ें, ऐसी व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि गर्भ गृह में दो मूर्तियां होंगी – एक चल और एक अचल। एक श्रीराम की बाल्यावस्था की और दूसरी रामलला की।
मिश्रा ने कहा कि भगवान चार या पांच वर्ष की आयु के होंगे और मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच होगी। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के समारोह में लगभग दस हजार अति विशिष्ट आमंत्रित सदस्य होंगे, जिनमें राम मंदिर निर्माण आंदोलन से जुड़े साधु-संत समाज के लोग और देश-विदेश व मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के जाने माने लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन लगभग सवा लाख दर्शनार्थियों के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है।
साधु-संतों से जनवरी के बजाय फरवरी में आने की अपील
वहीं राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने उद्घाटन समारोह के दौरान सुरक्षा को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आगमन होना है। ऐसे में सुरक्षा की विशेष व्यवस्था रहेगी। पीएम की सुरक्षा का मतलब प्रशासन या एसपी नहीं होता है।
पीएम की सुरक्षा के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप होता है। उस पर किसी का अधिकार नहीं होता है। वह अपनी तरह से सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करता है। ऐसे में उन्होंने अधिक उम्र के संत महात्माओं से अपील की कि वह जनवरी के बजाए फरवरी में रामलला का दर्शन करने आएं। उस समय गर्मी भी आ जाएगी। ऐसे में यात्रा में भी थोड़ी राहत होगी।
चंपत राय ने कहा कि उद्घाटन समारोह में पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों को बुलाने की तैयारी हो रही है। ऐसे लोगों को भी बुलाने की तैयारी हो रही है जिनके घर का कोई व्यक्ति रामजन्म भूमि की प्राप्ति के आंदोलन में बलिदान हो गया है। इसकी लिस्ट बनाई जा रही है।