खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हाल ही में एक सनसनीखेज दावा किया है। पन्नू ने कनाडा की सरकारी न्यूज एजेंसी (सीबीसी न्यूज) से बातचीत के दौरान कहा कि वह पिछले 2-3 सालों से कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय के संपर्क में है और भारत के खुफिया एजेंटों की जानकारी ट्रूडो के ऑफिस को दे रहा है।
अपने इंटरव्यू में पन्नू ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के काम की तरीफ की है। भारत में प्रतिबंधित संगठन एसएफजे के प्रमुख के इस खुलासे के बाद एक बार फिर ट्रूडो का खालिस्तान प्रेम जगजाहिर हो रहा है।सीबीसी न्यूज के साथ इंटरव्यू में पन्नू ने कहा, “हम पिछले 2-3 सालों से कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का बयान कनाडा की न्याय, कानून व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अटल प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ पिछले कुछ वर्षों से प्रधानमंत्री कार्यालय को भारतीय जासूसी नेटवर्क के बारे में जानकारी दे रहा है।”पन्नू ने दावा किया कि उसका संगठन कनाडाई पीएमओ को लगातार जानकारी देता रहा है कि किस तरह से भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और उनके पूर्ववर्ती अधिकारियों ने जासूसी नेटवर्क तैयार किया। पन्नू ने दावा किया कि वर्मा ने भारतीय एजेंटों को लॉजिस्टिक और खुफिया सहायता प्रदान कर रहे थे। इन एजेंटों पर आरोप है कि उन्होंने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को अंजाम दिया।
भारत ने बुला लिए थे उच्चायुक्त और राजनयिकगौरतलब है कि भारत ने 14 अक्टूबर को अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया। इसके पीछे कारण यह था कि कनाडा ने वर्मा और कुछ अन्य भारतीय राजनयिकों को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में संदिग्ध व्यक्ति के रूप में नामित किया था। इसके जवाब में, भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने भी भारतीय एजेंटों पर कनाडा में हिंसक घटनाओं और हत्याओं के साथ जुड़े होने का दावा किया था। पुलिस के अनुसार, ये हिंसक घटनाएं विशेष रूप से कनाडा के दक्षिण एशियाई समुदाय, खासकर खालिस्तान समर्थक तत्वों को निशाना बनाकर की गई थीं। हालांकि, अभी तक न तो पुलिस और न ही कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इन आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत पेश किए हैं।
भारत के खिलाफ उगला जहरपन्नू ने अपने इंटरव्यू में इंडो-कनाडाई समुदाय पर भी निशाना साधा और उनकी कनाडाई संविधान के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाए। पन्नू ने आरोप लगाया कि ये समुदाय भारत के प्रति वफादार हैं और कनाडाई संविधान की अनदेखी कर रहे हैं। पन्नू ने कहा, “जिन इंडो-कनाडाई लोगों का परिवार भारत में हैं, क्या वे कनाडाई संविधान के प्रति वफादार हैं या अभी भी भारतीय संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाना चाहते हैं?”