टिकट नहीं मिला तो मंत्री कैसे बनते मुस्लिम; सुब्रत पाठक ने बताया क्यों मुसलमान को प्रत्याशी नहीं बनाती भाजपा
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कन्नौज लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से हारे भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक ने किसी मुसलमान को मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री नहीं बनाने पर गुरुवार को ऐसी बातें कहीं जिस पर विवाद हो सकता है।सुब्रत पाठक ने कहा कि जब भाजपा किसी मुसलमान को टिकट ही नहीं देती है तो मंत्री कैसे बनाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम भाजपा को वोट ही नहीं देते हैं। सुब्रत पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यह भी लिखा कि भाजपा के रहते हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र नहीं बनाया जा सकता यही कारण है कि न मुस्लिम भाजपा को वोट देते हैं और इसीलिए भाजपा इनको टिकट ही नहीं देती है, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोग राग अलाप रहे हैं कि मोदी जी ने किसी मुस्लिम को अपनी सरकार में मंत्री क्यों नहीं बनाया? अब बताओ इन्हें कौन समझाए कि जब टिकट ही नहीं मिला तो मंत्री कैसे बनते?बुधवार को मुरादाबाद से सपा के पूर्व सांसद एसटी हसन ने किसी मुस्लिम को मंत्री नहीं बनाने को लेकर मोदी सरकार और भाजपा पर निशाना साधा था। इससे पहले मोदी की दोनों सरकारों में कोई न कोई मुसलमान मंत्री बनता रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं है।सुब्रत पाठक ने मुसलमान ही नहीं यादव समाज पर भी सपा को एकतरफा वोट देने को लेकर निशाना साधा। यह भी बताया कि यादव प्रत्याशी नहीं होने पर भी समाजवादी पार्टी को यादव समाज के लोग क्यों वोट देते हैं। सुब्रत पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में प्रायः देखा है कि लोग अपनी अपनी जाति को वोट करते हैं चाहे उनकी जाति का प्रत्याशी किसी भी दल से लड़ रहा हो। इसी प्रकार से भाजपा के विचार से जुड़ा हुआ कोई भी मतदाता कमल के निशान पर राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के लिए ही वोट करता है फिर चाहे सामने वाला प्रत्याशी भले ही अपनी जाति का ही क्यों न हो?उन्होंने सवाल किया कि यादव जाति के ज्यादातर लोगों ने उत्तर प्रदेश में किसी आम यादव को टिकट न मिलने के बाद भी समाजवादी पार्टी को ही वोट क्यों किया? इसलिए कि वो जानते हैं सरकार में आने के बाद पूर्व में रहीं सपा सरकारों के कारण से सरकारी नौकरी, ठेका जमीन आदि में इनके कब्जे होते थे। एक बार फिर इन्हें संरक्षण मिल जाएगा।सुब्रत पाठक ने आगे मुस्लिम वोटरों को लेकर लिखा कि मुसलमानों के लिए कहा जाता था कि पहले भाई फिर भाजपा हराई के नाम पर वोट करते हैं। इस बार अन्य दल से मुस्लिम प्रत्याशी होने के बाद भी अपने लोगों को वोट न देकर भाजपा हराने के नाम पर अन्य समाज के लोगों को वोट देने का आखिर कारण क्या है? जबकि मोदी जी ने इनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया और सभी सरकारी योजना का लाभ भी इन्हें दिया।पाठक ने कहा कि दरअसल कट्टरपंथियों का पूरी दुनिया पर सरिया कानून लागू करने के मिशन के तहत हिंदुस्तान को पाकिस्तान की तर्ज पर गजवा ए हिंद बनाने के उनके लक्ष्य में भाजपा ही बाधा है। भाजपा के रहते हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र नहीं बनाया जा सकता। यही कारण है कि न मुस्लिम भाजपा को वोट देते हैं और इसीलिए भाजपा इनको टिकट ही नहीं देती है। जब टिकट ही नहीं मिला तो मंत्री कैसे बनते?

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