जी20 समिट में नई दिल्ली लीडर्स घोषणा पत्र को मंजूरी, समझें कैसे यह भारत की बड़ी कामयाबी
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भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए शनिवार को एक बड़ी जीत सामने आई। सदस्य देशों के बीच सबकी सहमित से ‘नई दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपनाया लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘अभी-अभी अच्छी खबर मिली है कि हमारी टीमों की कड़ी मेहनत और आपके सहयोग के कारण नई दिल्ली जी20 लीडर्स शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बन गई है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यह मेरा प्रस्ताव है कि इस जी20 घोषणापत्र को अपनाया जाए।’ सदस्यों की मंजूरी के बाद मोदी ने घोषणा की कि इसे स्वीकार कर लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘इस अवसर पर मैं अपने मंत्रियों, शेरपा और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से इसे संभव बनाया।’ राजनयिक सूत्रों के अनुसार, यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पैराग्राफ पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। इसके कारण भारत ने शुक्रवार को सकारात्मक नतीजे निकालने के प्रयास में भू-राजनीतिक संबंधी पैराग्राफ के बिना ही सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन घोषणा पत्र का मसौदा बांटा था।

‘दुनिया में शांति और समृद्धि के लिए मजबूत अपील’
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन को जी20 इंडिया लीडर्स समिट में आधिकारिक तौर पर अपना लिया गया है। आज के युग को मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के स्वर्ण युग के रूप में चिह्नित किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जी20 की अध्यक्षता ने इस लक्ष्य की दिशा में अथक प्रयास किया है।’ उन्होंने कहा कि सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर शत-प्रतिशत सर्वसम्मति के साथ यह ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक जी20 घोषणापत्र है। नए भू-राजनीतिक पैराग्राफ आज की दुनिया में लोगों, शांति और समृद्धि के लिए एक मजबूत आह्वान हैं। यह आज की दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को प्रदर्शित करता है।

अमिताभ कांत ने बताया कि नई दिल्ली घोषणा पत्र किन चीजों पर फोकस करता है…
– मजबूत, दीर्घकालीक, संतुलित और समावेशी विकास।
– सतत विकास लक्ष्यों पर आगे बढ़ने में तेजी लाना।
– दीर्घकालीक भविष्य के लिए हरित विकास समझौता।
– 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थाएं।
– बहुपक्षवाद को पुर्नजीवित करने पर जोर।

यूक्रेन संघर्ष पर नहीं बन पा रही थी सहमति
भारत ने शनिवार को जी20 देशों के बीच समूह के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अंत में जारी होने वाले नेताओं के घोषणापत्र में यूक्रेन संघर्ष का उल्लेख करने के लिए एक नया ‘पैराग्राफ’ साझा किया। यूक्रेन संघर्ष से संबंधित पैराग्राफ पर आम सहमति नहीं होने के कारण भारत ने शुक्रवार को भू-राजनीतिक मुद्दे से संबंधित पैराग्राफ के बिना ही सदस्य देशों के बीच शिखर सम्मेलन के संयुक्त घोषणापत्र का एक मसौदा साझा किया था, ताकि सकारात्मक परिणाम निकल सके। यूक्रेन पर भारत की ओर से घोषणापत्र में नया पाठ तब साझा किया गया जब जी20 नेताओं ने शिखर सम्मेलन के पहले दिन गंभीर वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श शुरू किया। गत तीन-छह सितंबर तक हरियाणा के नूंह जिले में हुई जी20 शेरपा बैठक में यूक्रेन मुद्दे का उल्लेख करने वाले पाठ पर कोई सहमति नहीं बनी थी।

‘भारत मंडपम’ पहुंचे विश्व नेताओं का भव्य स्वागत
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन स्थल ‘भारत मंडपम’ पहुंचे विश्व नेताओं से हाथ मिलाकर शनिवार को उनका स्वागत किया। इस दौरान पृष्ठभूमि में ओडिशा के पुरी स्थित सूर्य मंदिर के कोणार्क चक्र की प्रतिकृति ने स्वागत स्थल की शोभा बढ़ाई। स्वागत स्थल की पृष्ठभूमि में कोणार्क चक्र के साथ-साथ एक ओर जी20 का ‘लोगो’ और दूसरी ओर भारत की जी20 अध्यक्षता की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम- वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य)’ नजर आ रही थी। मोदी ने शहनाई की मधुर धुन के बीच राष्ट्र प्रमुखों और अन्य नेताओं का स्वागत किया। इस बीच जी20 के सदस्य देशों, आमंत्रित देशों एवं कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के ध्वज खुशनुमा सुबह चल रही हवा के साथ लहरा रहे थे।

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