जामिया हिंसा को लेकर 15 छात्रों पर कार्रवाई, 3 निष्कासित; कैंपस में बैन समेत मिले कई दंड
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जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अपने 15 छात्रों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया है। इन सभी पर पिछले साल यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा में शामिल होने का आरोप है।पिछले साल सितंबर के महीने में यहां छात्रों के दो ग्रुपों के बीच हिंसा हुई थी जिसमें एक छात्र को गोली भी लगी थी। अधिकारी ने बताया कि इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने 15 छात्रों पर सख्त कार्रवाई की है और जिसमें 3 छात्रों का निष्कासन भी शामिल है। सजा के तौर पर निष्कासन के अलावा, कैंपस में घुसने पर प्रतिबंध, हॉस्टल से वंचित करना और अच्छा व्यवहार करने के लिए बॉन्ड भरना शामिल है। अधिकारी ने बताया है कि इनमें से महज 3 छात्रों को परीक्षा देने की अनुमिति मिली है। हालांकि, इन तीनों पर 5 साल तक कैंपस में नहीं घुसने का दंड और कोर्स खत्म होने के बाद विश्वविद्यालय के किसी भी अन्य कोर्स में एडमिशन नहीं लेने का दंड भी लगाया गया है।जामिया के रजिस्ट्रार नजीम हुसैन अल जाफरी ने कहा कि यह अनुशासनात्मक कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि विश्वविद्यालय प्रबंधन यह साफ मैसेज देना चाहता है कि इस तरह की गतिवधियों को कैंपस में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसे कतई अनुमति नहीं दी जाएगी। जिन छात्रों को निष्कासित किया गया है उनमें मुजबीर रहमान (बीए, पॉलिटिकल साइंस के छात्र), सलमान खुर्शीद (बीए प्रोग्राम) और मोहम्मद फैजल (एमए)शामिल हैं। इन सभी को यूनिवर्सिटी का माहौल खराब करने और छात्रों को लड़ाई में शामिल होने के लिए उकसाने का आरोप है।इससे पहले 24 अप्रैल को रहमान औऱ खुर्शीद को नोटिस जारी कर कहा गया था कि वो अनुशासनात्मक कमेटी के सामने इस केस में अपने बचाव के लिए उपस्थित नहीं हुए। फैसल को जो नोटिस जारी किया गया उसमें कहा गया कि सस्पेंशन अवधि और कैंपस बैन के दौरान उनकी गतिविधियों को देखा गया था। रहमान और खुर्शीद से कई बार कोशिशों के बावजूद संपर्क नहीं किया जा सका जबकि फैजल ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

पिछले साल सितंबर के महीने में कैंपस के बाहर कई छात्रों में आपसी झड़प हुई थी। इस दौरान एक छात्र को गोली मार दी गई थी। घटना के अगले ही दिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई छात्रों पर शांति भंग के आरोप में कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था। मामले में अनुशासनात्मक कमेटी ने जांच की। कमेटी ने इस हिंसा को काफी गंभीरता से लिया था।जिसके बाद छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। सुहैल नसरुल्ला अंसारी, मोहम्मद शादाब चौधरी, साहिल और नजीम खान को अपना कोर्स पूरा करने की अनुमति दी गई है लेकिन कोर्स खत्म करने के बाद इन सभी को पांच साल तक कैंपस में नहीं घुसने के लिए कहा गया है। इन सभी को कोई हॉस्टल भी नहीं मिलेगा।

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