जहां केजरीवाल को बंगले के मुद्दे पर घेर रही थी BJP, वहीं पर AAP ने दे दिया जोरदार झटका
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को उनके बंगले के रेनोवेशन को लेकर भारतीय जनता पार्टी उन्हें लगातार घेर रही है। बवाना इलाके में एक सभा कर बीजेपी ने एक बार फिर इस मुद्दे पर सीएम केजरीवाल को घेरा है।

लेकिन इसी बवाना विधानसभा क्षेत्र में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को जोरदार झटका भी दे दिया है। बीजेपी के कई बड़े नेता बवाना विधानसभा में आयोजित जनचेतना सभा में शामिल हुए थे। यहां भाजपा नेताओं ने अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने यह भी कहा कि बिना टेंडर निकाले केजरीवाल ने अपने राजमहल पर 45 करोड़ रुपये खर्च कर दिये।

इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले का जिक्र करते हुए दावा कि इस सरकार में करोड़ों रुपये का शराब घोटाला हुआ है। बीजेपी की तरफ से कहा गया कि उनकी सरकार के दो-दो पूर्व मंत्री अभी जेल में हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र सचदेवा ने कहा कि साल 2025 में केजरीवाल सरकार को दिल्ली से उखाड़ फेकेंगे। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में आप बीजेपी के सभी सासंदों को फिर से जीत दिला दें इसके बाद हम साल 2025 में दिल्ली में किसी आम आदमी को ही मुख्यमंत्री बनाएंगे।

AAP ने दिया जोरदार झटका

दिल्ली के बवाना इलाके से बीजेपी पार्षद पवन सहरावत एक बार फिर आम आदमी पार्टी में लौट आए हैं। आम आदमी पार्टी की टिकट पर एमसीडी का चुनाव जीत पार्षद बने पवन सहरावत ने एमसीडी के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव से ठीक पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था। लेकिन इस बीच पवन सहरावत ने एक बार फिर पाला बदल लिया है। पवन सहरावत फिर से आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। इस मौके पर दुर्गेश पाठक ने कहा कि पवन सहरावत का सिर्फ शरीर बीजेपी में गया था लेकिन उनका मन आम आदमी पार्टी में लगा हुआ था। इसलिए उन्होंने एक बार फिर आप ज्वाइन कर लिया है।

दुर्गेश पाठक ने कहा कि आज बहुत ही खुशी का दिन है। पवन सहरावत ने बवाना के वार्ड नंबर-30 से भारी मतों से चुनाव जीता था। लेकिन बीच में कुछ संगठनात्मक समस्याओं से वो दुखी होकर बीजेपी में चले गए थे लेकिन इनका मन यही पर था और शरीर जरूर बीजेपी में था। वो लगातार मेरे संपर्क में थे और एक बार फिर वो अपने घर में लौट आए हैं। पवन सहरावत से मेरा रिश्ता काफी पुराना रहा है और हमने एक साथ मिलकर कई काम किये हैं। पवन सहरावत ने फरवरी के महीने में बीजेपी का दामन थाम लिया था।

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