जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सीएम उमर अब्दुल्ला की सरकार पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए काम कर रही है, वहीं ऐसे क्षेत्रों में जहां मोबाइल नेटवर्क खराब है, वहां सरकार की रणनीति है कि ऐसे इच्छुक पर्यटकों को सैटेलाइट फोन की अनुमति दी जाए. जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के निदेशक के अनुसार इस विषय में केंद्रीय पर्यटन विभाग और गृह मंत्रालय के बीच बातचीत एडवांस्ड स्टेज पर पहुंच गई है. सूत्रों के अनुसार कुछ खास बातों को लेकर इस विषय में सोचा जा रहा है. इससे इस पर बाधा बन रही है.सूत्रों के अनुसार हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा यह पाया गया है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा अब साधारण टेलीकम्युनिकेशन का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, बल्कि एडवांस्ड टेलीकम्युनिकेशन साधनों जैसे YSMS और सैटेलाइट फोन का प्रयोग किया जा रहा है, जिन्हें ट्रेस करना जम्मू-कश्मीर में काम कर रही सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता और चुनौती बनी हुई हैं.कश्मीर संभाग में काम कर रहे डिफेंस की पहली लाइन बीएसएफ के आईजी अशोक यादव ने भी आतंकियों विशेषकर घुसपैठियों द्वारा बहुत टेलीकम्युनिकेशन के नए टूल्स के इस्तेमाल करने को एक चैलेंज बताया.सूत्रों के अनुसार कश्मीर में इस वर्ष अक्टूबर में दो पर्यटक स्थलों के करीब हुए दो आतंकी हमले देखने को मिले हैं, जिसमें गांदरबल सोनमर्ग के करीब स्थित Z मोड टनल में मजदूरों पर हमला और बारामुला के पर्यटक स्थल गुलमर्ग के ऊपरी क्षेत्र में सेना की गाड़ी पर हमला शामिल हैं. जिसके बाद जम्मू संभाग के बाद कश्मीर में भी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा फॉरेस्ट रेंज और पहाड़ी क्षेत्रों में अलर्ट किया गया है.जम्मू-कश्मीर के ऐसे क्षेत्रों में जहां टेलीकम्युनिकेशन के साधन नहीं हैं, ऐसे क्षेत्रों में पर्यटकों विशेषकर विदेशी टूरिस्टस द्वारा सेटेलाइट फोन इस्तेमाल करना कहीं न कहीं सुरक्षा एजेंसियों के लिए चैलेंज है और यह तर्क गृह मंत्रालय द्वाला दिया जा रहा है.गौरतलब हैं कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन विभाग के निदेशक राजा याकूब ने बुधवार को कहा कि कश्मीर घाटी में नेटवर्क रहित क्षेत्रों में ट्रेकर्स के लिए सैटेलाइट फोन की अनुमति देने के लिए केंद्रीय गृह और पर्यटन मंत्रालयों के बीच चर्चा अंतिम चरण में हैयपर्यटन निदेशक के अनुसार कश्मीर में इस साल अब तक सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक आए हैं. उन्होंने कहा, “यहां हर दिन बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं और यहां रोजाना 200-300 से ज्यादा विदेशी पर्यटक आते हैं, जो कभी-कभी कम बारिश या बर्फबारी या हमारी सीमाओं के बावजूद 500 तक पहुंच जाता है.