भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मजबूत पैरवी की है। उन्होंने शनिवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी और उनकी सत्ता में वापसी होगी।
दिल्ली पुलिस की ओर से चार्जशीट दायर करने के बाद बृजभूषण पहली बार मीडिया से बातचीत कर रहे थे। सिंह ने यूपी के गोंडा में कहा कि ‘मोदी लहर’ का अभी भी देश में बोलबाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा अगले साल पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनाएगी। भाजपा सांसद ने इससे पहले कहा था कि वह अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेगी।
बृजभूषण सिंह से इस दौरान पहलवानों के विरोध और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ चार्जशीट पर सवाल पूछे गए। इसे टालते हुए उन्होंने कहा, ‘देश में मोदी लहर बरकरार है। लोग देख सकते हैं कि देश पीएम के नेतृत्व में प्रगति कर रहा है। दूसरी ओर पड़ोसी श्रीलंका, पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका में गंभीर आर्थिक स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सभी समुदाय के लोगों को यह पता है कि जब विश्व वित्तीय दबाव में था, तब पीएम मोदी ने भारत को ऐसी स्थिति में जाने से रोक रखा था। केंद्र में एनडीए सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी ताकतों को एक महागठबंधन में लाने के प्रयासों पर भी भाजपा सांसद ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एकजुट विपक्ष भी भाजपा के शरीर का कांटा नहीं बनेगा, क्योंकि वह उसी तरह एकजुट है जैसे वह पहले था।
‘पीएम मोदी के रथ को कोई नहीं रोक सकता’
भाजपा सांसद ने दावा किया कि 2024 में पीएम मोदी के रथ को कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि इसे देश की जनता चला रही है। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पोक्सो के तहत लगा गए आरोपों को रद्द करने की सिफारिश की, लेकिन यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोपों को लेकर उनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। सरकार ने ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक, ओलंपियन विनेश फोगाट समेत प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल कर दिया जाएगा, जिसके बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था। ये पहलवान एक नाबालिग समेत 7 महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों में बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने नाबालिग पहलवान द्वारा बृजभूषण के खिलाफ दर्ज कराई गई शिकायत को रद्द करने की सिफारिश करते हुए कहा कि कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले। पॉक्सो मामले में शिकायतकर्ता यानी नाबालिग के पिता और स्वयं लड़की के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करने वाली रिपोर्ट दाखिल की गई। पटियाला हाउस अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मामले को रद्द करने की रिपोर्ट पर 4 जुलाई को विचार किया जाएगा। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम में दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 3 वर्ष कारावास की सजा है। हालांकि, यह उस धारा पर निर्भर करता है जिसके तहत अपराध आ रहा हो। बहरहाल, अदालत इस पर फैसला ले सकती है कि पुलिस का सुझाव मानना है या आगे जांच जारी रखनी है।