घर की इन जगहों पर होता है पितरों का वास, श्राद्ध के 15 दिनों तक सुबह शाम लगाएं दीपक, मिलेगा आशीर्वाद
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पितृ पक्ष या श्राद्ध की शुरुआत इस बार 29 सितंबर से हो गई है तथा इसका समापन 14 अक्टूबर सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा। सर्व पितृ अमावस्या को महालया अमावस्या, पितृ अमावस्या एवं पितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है तथा यही पितृ पक्ष का अंतिम दिन भी होता है।
वही इन दिनों पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म पिंडदान तर्पण आदि कार्यों का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की तिथि ज्ञात न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या तिथि पर श्राद्ध किया जाता है। क्योंकि इस दिन सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी श्राद्ध योग माना जाता है।वही श्राद्ध कर्म के चलते पूजा-पाठ के साथ-साथ नियमित रूप से दीपक जलाने का भी विशेष महत्व बताया गया है. वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे स्थानों का जिक्र किया गया है, जहां पर पितरों का वास होता है. शास्त्रों के मुताबिक, जिस तरह मां लक्ष्मी के लिए घी का दीपक, हनुमान जी के लिए चमेली के तेल का दीपक तथा शनि महाराज के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाया जाता है. उसी प्रकार पितृ पक्ष में भी अलग-अलग दीपक जलाए जाते हैं. आइये बताते 16 दिन किस दिशा और किन स्थानों पर दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
पितृपक्ष में घर की इन जगहों पर जलाएं दीपक:-

  • ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पितृपक्ष के 16 दिन पितरों का स्मरण किया जाता है. इन दिनों में घर के दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बेहद शुभ माना गया है. बता दें कि वास्तु में दक्षिण दिशा में पितरों का वास बताया गया है. ऐसे में प्रातः-शाम घर में दीपक अवश्य जलाएं. ऐसी मान्यता है कि घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं. साथ-साथ कृपा भी प्रदान करते हैं.
  • ऐसी धार्मिक मान्यता है कि पितृपक्ष के चलते घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व कोना) में गाय के घी का दीपक जलाएं. इससे पितर देव बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. साथ ही, वंशजों को सभी मनोकामनाएं पूर्ति का आशीर्वाद देते हैं.
  • धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, पितृ पक्ष के दिन पितरों की कृपा पाने के लिए उत्तम माने जाते हैं. इन दिनों में पीपल के वृद्ध के नीचे दीपक जलाने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं. साथ ही, कृपा बरसाते हैं. कहते हैं कि पीपल के वृक्ष में देवी-देवताओं के अतिरिक्त पितरों का वास होता है. इसलिए ये 16 दिन पीपल के वृक्ष के पास घी का दीपक अवश्य जलाएं.
  • वास्तु जानकारों का कहना है कि पितृपक्ष में नियमित तौर पर शाम के वक़्त किचन में पानी की जगह पर दीपक जलाना शुभ माना गया है. इससे पितर प्रसन्न होते हैं तथा वंशजों को आशर्वाद देते हैं. इससे पितर तो प्रसन्न होते ही हैं. साथ ही, मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद भी मिलता है.
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