क्रीमीलेयर पर मायावती ने मोदी सरकार को घेरा, बोलीं- आश्‍वासन से नहीं चलेगा काम, विशेष सत्र बुलाएं
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने एससी-एसटी के आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंन्‍स कर अपनी बात रखी।उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन देने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा है कि केंद्र की सरकार को संसद का सत्र बुलाकर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और क्रीमीलेयर के मामले में आरक्षण की स्थिति साफ़ करनी चाहिए। इसके साथ ही जिन राज्यों में कांग्रेस भाजपा और अपना दल की सरकारें हैं उनको भी आरक्षण को लेकर स्थिति साफ़ करनी चाहिए। इसके साथ ही मायावती ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं की।बसपा सुप्रीमो मायावती शनिवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। उन्होंने कहा कि एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट का जो फ़ैसला आया है उस पर केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति पूरी तरीक़े से साफ़ नहीं की है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र को लगता है कि आश्वासन देने से काम चल जाएगा तो ऐसा नहीं है।उनको संसद का सत्र बुलाकर इस पर स्थिति साफ़ करनी चाहिए। प्रधानमंत्री की नीयत अगर साफ़ है तो उनको संसद का सत्र समय से पहले स्थगित नहीं करना चाहिए, विशेष सत्र बुलाना चाहिए और आरक्षण को लेकर पूरी तरह से तस्वीर को साफ़ करना चाहिए।मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर संसद में बिल लाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्‍होंने कि भाजपा और कांग्रेस आरक्षण के खिलाफ ही हैं। नौकरियों को खत्‍म कर संविदा पर कर्मचारियों की तैनाती भी आरक्षण को खत्‍म करने की ही कोशिश है। मायावती ने कहा कि एससी-एसटी के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। कीमीलेयर के बहाने आरक्षण को खत्‍म करने की साजिश हो रही है। संसद का सत्र खत्‍म हो गया लेकिन विधेयक नहीं आया। ऐसा लगता है कि आरक्षण को निष्‍प्रभावी बनाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में संविधान बचाने का नाटक करने वाले अब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और क्रीमीलेयर के आरक्षण के मसले पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस संसद सत्र में इस मुद्दे को ठीक तरीक़े से नहीं उठाया नहीं उठाया। देश के 40 करोड़ अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग कांग्रेस की तरह भाजपा से भी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।

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