हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थिति छितकुल को भारत का बेस्ट टूरिज्म विलेज ऑफ द इयर खिताब से नवाजा गया है। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने रविवार को इसकी घोषणा की। कल्पा के सब-डिविजनल मैजिस्ट्रेट मेजर शशांक गुप्ता ने केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट से यह पुरस्कार स्वीकार किया है।
बास्पा नदी के किनारे स्थित छितकुल किन्नर-कैलाश के पास मौजूद है।
इस गांव की सबसे बड़ी खासियत इसकी प्राकृतिक सुन्दरता है। पर्यटक और मुख्य रूप से ट्रेकर्स के लिए यह गांव किसी जन्नत से कम नहीं है। बता दें, 11,319 फीट की ऊंचाई पर बसा छितकुल गांव भारत-तिब्बत बॉर्डर पर मौजूद है। यह हिमाचल प्रदेश में भारत का सबसे पहला या आखिरी गांव है।
छितकुल को क्यों चुना गया बेस्ट टूरिज्म विलेज :-
छितकुल हिमाचल प्रदेश में भारत-चीन बॉर्डर पर स्थित एक गांव है जो हिमाचल में काफी दूर स्थित है। यहीं कारण है कि इस जगह की सुन्दरता में आधुनिकता की कोई छाप नहीं पड़ी है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई करीब 3,450 मीटर (11,319 फीट) है, जो इसे इस क्षेत्र का सबसे ऊंचाई पर बसा गांव बना देता है। यह गांव बस्पा नदी के किनारे बसा हुआ है, जो इसकी प्राकृतिक सुन्दरता को कई गुना बढ़ा देता है। हरी-भरी घाटी और बर्फ से ढंकी पहाड़ की चोटियों के बीच से गुजरती नदी को देखकर कोई भी इसकी सुन्दरता में बस खो जाएगा।
छितकुल गांव के चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ प्राकृतिक सुन्दरता ही दिखाई देगी। हिमालय की ऊंची चोटियां जैसे किन्नर कैलास, हरी घाटियां, सेब के पेड़ और पाइन के जंगल। इसके साथ बोनस में मिलती है अहले सुबह पक्षियों की चहचहाहट और सूरज ढलते ही शांत परिवेश। शहरों से दूर भागने वाले पर्यटकों को इससे अधिक शांति और कहां मिल सकती है।
छितकुल गांव में आपको हर तरफ सिर्फ लकड़ी से बने पारंपरिक घर ही मिलेंगे, जिनकी दिवारें पत्थरों से बनायी गयी है। यह मुख्य रूप से हिमाचल प्रदेश की वास्तुकला है और यहीं इस गांव की एक बहुत बड़ी खासियत है। शहरों में बने कंक्रीट के जंगलों को देखकर अगर आपकी आंखें थक गयी हैं तो हम दावे से कह सकते हैं कि हिमाचली वास्तुकला को देखकर आपको ताजगी महसूस होगी। इस शहर में आपको स्वादिष्ट सेव के पेड़ मिलेंगे। गांव के लोग मुख्य रूप से आलू, मटर आदि भी उगाते हैं। बस्पा नदी की उपजाऊ भूमि यहां खेती के लायक जगह तैयार करती है।
छितकुल गांव सड़क मार्ग से हिमाचल प्रदेश की दूसरी जगहों से जुड़ा हुआ है लेकिन यह गांव काफी ज्यादा अंदर और ऊंचाई पर स्थित है। इसलिए यहां तक आने का रास्ता थोड़ा कठिन और दुर्गम जरूर है। छितकुल से सबसे नजदीकी शहर सांग्ला है, जो यहां से करीब 20 किमी की दूरी पर मौजूद है। पर यकिन मानिए एक बार इस गांव में पहुंच जाने पर रास्ते की सारी थकावट मानों एक पल में ही गायब हो जाती है। यहां आपको स्थानीय किन्नौरी लोगों की परंपराएं और रीति-रिवाजों को भी अनुभव करने का मौका मिलेगा। इस गांव में आने वाले पर्यटकों को यहां के परिधान, संगीत, नृत्य शैली और लोकल फुड भी चखने का मौका मिलता है।
याद रखें, छितकुल हिमाचल प्रदेश काफी दूरवर्ती गांव है। इसलिए यह काफी अधिक विकसित नहीं है। पर्यटकों को गांव में मौजूद सीमित सुविधाओं के साथ ही रहना पड़ता है। लेकिन इस गांव की प्राकृतिक सुन्दरता के आगे आधुनिकता की चमक-दमक पूरी तरह से फीकी पड़ जाती है। इसलिए पर्यटक भी यहां की सीमित सुविधाओं को खुशी-खुशी स्वीकार कर लेते हैं। छितकुल हिमाचल प्रदेश का एक Hidden Gem है। बेस्ट टूरिज्म विलेज का खिताब मिलने के बाद संभावना है कि इस गांव में पर्यटन का अब विकास हो सकेगा।