अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे राज कुमार आनंद की विधायकी चली गई है। स्पीकर राम निवास गोयल ने बताया कि आनंद को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है। राज कुमार आनंद ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए थे।
गोयल ने पीटीआई से कहा, ‘उन्हें (राज कुमार आनंद) नोटिस जारी करके को 10 जून तक जवाब देने को कहा गया था। लेकिन उन्होंने उत्तर नहीं दिया। उसी नोटिस में उन्हें 11 जून को हाजिर होने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें फिर मौका दिया गया और 14 जून को पेश होने को कहा गया। लेकिन फिर भी नहीं आए। दिल्ली विधानसभा से उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है।’
2020 के विधानसभा चुनाव में राज कुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर पटेल नगर सीट से जीत हासिल की थी। राजेंद्र पाल गौतम के इस्तीफे के बाद केजरीवाल सरकार में उन्हें सामाजिक कल्याण मंत्री बनाया गया था। लेकिन अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पार्टी पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और दलित नेताओं को नजरअंदाज किए जाने का आरोप लगाया और इस्तीफा दे दिया। बाद में वह बसपा में शामिल हो गए।
राज कुमार आनंद बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव में भी उतरे। नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़े आनंद को निराशा का सामना करना पड़ा। उन्हें महज 5629 वोट हासिल हुए। इस सीट पर आप के सोमनाथ भारती 3.74 लाख वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे जबकि भाजपा की उम्मीदवार बांसुरी स्वराज को जीत मिली।