केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली के तथाकथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन भेजा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए दो नवंबर को पेश होने को कहा है। ईडी की ओर से केजरीवाल को पूछताछ के लिए ऐसे वक्त में तलब किया गया है जब सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत की अपीलें यह कहते हुए खारिज कर दी हैं कि मामले में अस्थायी तौर पर 338 करोड़ रुपये की रकम के हस्तांतरण की पुष्टि हुई है।
आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए दो नवंबर को तलब किया है। केजरीवाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन जारी किया गया है। दिल्ली में इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी के सामने पेश होने के बाद एजेंसी की ओर से केजरीवाल का बयान दर्ज किया जाएगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने इस मामले में दायर अपने आरोपपत्रों में कई बार अरविंद केजरीवाल के नाम का उल्लेख किया है। ईडी ने कहा है कि आरोपी आबकारी नीति 2021-22 के तैयार किए जाने और कार्यान्वयन में अपने कथित हितों को लेकर आदमी पार्टी नेता के संपर्क में थे। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं। मामले में 338 करोड़ रुपये का संदिग्ध हस्तांतरण सामने आ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने सोमवार को सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि उसने जांच एजेंसियों के रिकॉर्ड को देखा है कि इन मामलों में सुनवाई छह से आठ महीने में पूरी हो जाएगी। यदि सुनवाई में देरी होती है तो सिसोदिया तीन महीने में इन मामलों में जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने सुनवाई में कहा कि विश्लेषण में कुछ ऐसे पहलू हैं जो संदिग्ध हैं। 338 करोड़ रुपये की रकम हस्तांतरण की अस्थाई तौर पर पुष्टि हुई है। अत हम जमानत अर्जी खारिज करते हैं।
कथित शराब घोटाले में सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के ऐंगल से छानबीन में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ की थी और उन्हें नौ मार्च को सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार कर लिया था। आखिरकार सिसोदिया ने 28 फरवरी को केजरीवाल कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। सनद रहे आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेताओं ने सीधे केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुई इतनी बड़ी अनियमितता की जानकारी मुख्यमंत्री को ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। भाजपा नेताओं ने मामले में केजरीवाल की मिलीभगत का भी आरोप लगाया था।